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यूरिया को लेकर राजनीति तेज, राजस्थान पहुंचा करीब 70 हजार मीट्रिक टन यूरिया

अतिरिक्त मुख्य सचिव पवन कुमार गोयल ने गुरुवार को संबंधित महकमों के अधिकारियों और फर्टिलाइजर कंपनियों के साथ यूरिया के हालातों की समीक्षा की ।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Thu, 27 Dec 2018 08:37 PM (IST)Updated: Thu, 27 Dec 2018 08:37 PM (IST)
यूरिया को लेकर राजनीति तेज, राजस्थान पहुंचा करीब 70 हजार मीट्रिक टन यूरिया
यूरिया को लेकर राजनीति तेज, राजस्थान पहुंचा करीब 70 हजार मीट्रिक टन यूरिया

जागरण संवाददाता, जयपुर। किसानों के लिए खेती में काम आने वाला यूरिया इन दिनों राजस्थान में सियासत का केंद्र बना हुआ है। राज्य में यूरिया की आपूर्ति बढ़ने के बाद हालात सामान्य होते जा रहे है, लेकिन सियासत तेज होती जा रही है। यूरिया की किल्लत के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों ही एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रही हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने केंद्र सरकार पर यूरिया की आपूíत रोकने का आरोप लगाया है। वहीं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन लाल सैनी ने राज्य सरकार पर किसानों को समय पर यूरिया उपलब्ध नहीं कराने को लेकर सरकार को घेरा है।

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70 हजार मीट्रिक टन यूरिया पहुंचा 
पिछले 5 दिन में करीब 70 हजार मीट्रिक टन यूरिया प्रदेश में पहुंचा है । 31 दिसंबर तक प्रदेश में 7.64 लाख मीट्रिक टन यूरिया की जरूरत है। इसके मुकाबले प्रदेश में अब तक 7.02 लाख मीट्रिक टन यूरिया पहुंच चुका है। सबसे अधिक मांग वाले कोटा डिवीजन में यूरिया की 9 रैक पहुंच चुकी है। प्रत्येक रैक में 3 हजार मीट्रिक टन यूरिया होता है। इस लिहाज से कोटा संभाग में 27 हजार मीट्रिक टन यूरिया पहुंच चुका है।

उल्लेखनीय है कि कोटा में पिछले एक सप्ताह से मांग के अनुसार यूरिया की आपूर्ति नहीं होने को लेकर किसानों में काफी आक्रोश उत्पन्न होने लगा था। इसी को देखते हुए सरकार सक्रिय हुई और प्रदेश सहकारिता सचिव को दिल्ली भेजकर केंद्र सरकार में बात की।

अतिरिक्त मुख्य सचिव पवन कुमार गोयल ने गुरुवार को संबंधित महकमों के अधिकारियों और फर्टिलाइजर कंपनियों के साथ यूरिया के हालातों की समीक्षा की । उन्होंने बताया कि 31 दिसंबर तक स्वीकृत पूरा यूरिया लेने के प्रयास किए जा रहे है। वहीं, जनवरी के लिए स्वीकृत होने वाले 2 लाख 80 हजार मीट्रिक टन यूरिया में से भी अधिकांश हिस्सा शीघ्र उठाने की कवायद की जा रही है।


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