31 जनवरी से शुरू होगा पोलियो टीकाकरण अभियान, बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाकर राष्ट्रपति करेंगे शुभारंभ
पोलियो टीकाकरण कार्यक्रम को अप्रत्याशित गतिविधियों की वजह से अगले आदेश तक के लिए टाल दिया था। इस कार्यक्रम के तहत देशभर में 0-5 साल उम्र वर्ग के बच्चों को पोलियो से प्रतिरक्षा के लिए वैक्सीन की दो बूंद पिलाई जाती है।
नई दिल्ली, एएनआइ। इस साल 17 जनवरी से शुरू होने वाला पोलियो टीकाकरण अभियान अब 31 जनवरी से चलाया जाएगा। भारत सरकार की तरफ से कहा गया है कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने 31 जनवरी 2021 को पोलियो टीकाकरण दिवस को पुनर्निर्धारित करने का निर्णय लिया है। राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस का शुभारंभ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 30 जनवरी को राष्ट्रपति भवन में बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाकर करेंगे।
It has been decided by the Ministry of Health & Family Welfare to reschedule the Polio vaccination day to 31st January 2021. President will launch the National Immunisation Day on 30th January 2021 by administering Polio drops to children at the Rashtrapati Bhawan: Govt of India
— ANI (@ANI) January 14, 2021
इससे पहले बुधवार को सरकार ने पोलियो टीकाकरण कार्यक्रम को 'अप्रत्याशित गतिविधियों' की वजह से अगले आदेश तक के लिए टाल दिया था। इस कार्यक्रम के तहत देशभर में 0-5 साल उम्र वर्ग के बच्चों को पोलियो से प्रतिरक्षा के लिए वैक्सीन की दो बूंद पिलाई जाती है। राष्ट्रीय प्रतिरक्षण दिवस को आमतौर पर पल्स पोलियो प्रतिरक्षण कार्यक्रम के रूप में जाना जाता है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कार्यक्रम को टाले जाने के बारे में सभी राज्यों को नौ जनवरी को पत्र के जरिये सूचित कर दिया था।
इसके पहले केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री हर्षवर्धन ने आठ जनवरी को कहा था कि हम पोलियो के खिलाफ राष्ट्रीय प्रतिरक्षण कार्यक्रम 17 जनवरी से चलाने जा रहे हैं। यह दो-तीन दिन चलेगा। इसके तहत टीकाकरण से छूट गए बच्चों की भी पहचान होगी तथा उनका टीकाकरण किया जाएगा। यह टीकाकरण पोलियो वायरस के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर मुक्कमल प्रतिरक्षण का स्तर बनाए रखने के लिए जरूरी है।
मालूम हो कि देश में कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण 16 जनवरी से शुरू होने वाला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसे दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम बता चुके हैं। इसमें करीब तीन करोड़ स्वास्थ्य कर्मियों तथा फ्रंटलाइन वर्करों को प्राथमिकता दी जानी है।