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स्कूलों में बच्चों को अब सिखाई जाएगी पुलिसिंग, स्टूडेंट पुलिस कैडेट प्रोग्राम मंजूर

गृह मंत्रालय और मानव संसाधन विकास मंत्रालय की देखरेख में तैयार किया गया यह प्रोग्राम एनसीसी और एनएसएस की तरह होगा।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 17 Jul 2018 08:12 PM (IST)Updated: Tue, 17 Jul 2018 08:12 PM (IST)
स्कूलों में बच्चों को अब सिखाई जाएगी पुलिसिंग, स्टूडेंट पुलिस कैडेट प्रोग्राम मंजूर
स्कूलों में बच्चों को अब सिखाई जाएगी पुलिसिंग, स्टूडेंट पुलिस कैडेट प्रोग्राम मंजूर

अरविंद पांडेय, नई दिल्ली। स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को अब पढ़ाई के साथ पुलिसिंग की भी ट्रेनिंग दी जाएगी। सरकार ने इसके लिए स्टूडेंट पुलिस कैडेट (एसपीसी) के नाम से एक नए प्रोग्राम को मंजूरी दी है। जिसकी शुरूआत इसी महीने से देश भर के केंद्रीय और नवोदय विद्यालयों से होगी। हालांकि बाद में इसको देश के सभी सरकारी स्कूलों तक विस्तार दिया जाएगा। केंद्र सरकार ने इस प्रोग्राम पर 430 करोड़ रूपए खर्च करने की योजना बनाई है। इस पूरे प्रोग्राम का मकसद छात्रों में राष्ट्रीय भावनाओं को भरना और उन्हें जिम्मेदार नागरिक बनाना है।

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गृह मंत्रालय और मानव संसाधन विकास मंत्रालय की देखरेख में तैयार किया गया यह प्रोग्राम नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी) और नेशनल सर्विस स्कीम( एनएसएस) की तरह ही होगा। फिलहाल स्कूलों में पढ़ने वाले आठवीं और नवीं के बच्चों को इस प्रोग्राम से जोड़ा जाएगा। सरकार ने इसे लेकर एक गाइड लाइन भी जारी की है। साथ ही राज्यों से प्रस्ताव भी मांगे है। इसके तहत अब तक गुजरात, हरियाणा, राजस्थान और कर्नाटक ने रूचि दिखाई है। जहां जल्द ही ट्रायल के तौर पर यह शुरु होगी।

निगरानी के लिए प्रत्येक राज्यों में एक राज्यस्तरीय मॉनीटरिंग कमेटी भी होगी, जो अतिरिक्त मुख्य सचिव या प्रमुख सचिव (गृह) या आयुक्त (गृह) की देखरेख में काम करेगी। इस कमेटी में अतिरिक्त मुख्य सचिव या प्रमुख सचिव स्कूली शिक्षा और प्रदेश के डीजीपी भी होंगे। यह कमेटी स्कूलों में इसकी प्रगति पर नजर रखेगी। इसी तरह की कमेटी जिला स्तर पर भी गठित होगी। जो कलेक्टर, एसपी और जिला शिक्षा अधिकारी की देखरेख में काम करेगी।

योजना से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक छात्रों को पुलिस जैसी यह ट्रेनिंग स्कूली समय के दौरान ही दी जाएगी। इसके लिए सप्ताह के अंत में एक समय तय करने का प्रस्ताव है। योजना के तहत अलग-अलग विषयों से जुड़े प्रशिक्षकों की नियुक्ति होगी। जो छात्रों को कानूनी नियमों की जानकारी देने के साथ लोकतांत्रिक कामकाज, नागरिकों के अधिकार और जिम्मेदारियों के बारे बताएगा। साथ ही उन्हें पुलिसिंग के काम-काज से भी परिचित कराएगा।

माना जा रहा है कि इस पहल से पुलिस और समाज के बीच जुड़ाव बढ़ेगा। वहीं इस योजना को संचालित करने के लिए राज्यों को वित्तीय मदद पुलिस फोर्स को अत्याधुनिक बनाने की योजना के तहत तैयार किए फंड से दिया जाएगा। इनमें राज्यों की भी हिस्सेदारी रहेगी।

योजना के मुताबिक देश में मौजूदा समय में बच्चे, जिस तरीके से नशीले पदार्थो के सेवन, अप्रत्याशित व्यवहार, अंडर ऐज सेक्स जैसी समस्याओं से घिर हुए है, उनमें एसपीएस उन्हें बड़ी राहत दे सकता है। बता दें कि केरल में इस तरह की पहल 2010 में हो चुकी है। जिसे अब केंद्र सरकार ने पूरे देश भर में लागू करने की दिशा में कदम बढाया है।


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