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Satna Kidnapping : यूपी पुलिस की लापरवाही से हुई जुड़वां भाइयों की हत्या, टीचर ने दिया था अपहरण का आइडिया

रीवा रेंज के आईजी ने बताया कि अपहृत बच्चों के पिता ने फिरौती की रकम अपहरणकर्ताओं को देने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस से संपर्क किया था।

By Mangal YadavEdited By: Published: Mon, 25 Feb 2019 09:14 AM (IST)Updated: Mon, 25 Feb 2019 09:14 AM (IST)
Satna Kidnapping : यूपी पुलिस की लापरवाही से हुई जुड़वां भाइयों की हत्या, टीचर ने दिया था अपहरण का आइडिया
Satna Kidnapping : यूपी पुलिस की लापरवाही से हुई जुड़वां भाइयों की हत्या, टीचर ने दिया था अपहरण का आइडिया

सतना, राज्य ब्यूरो। दो बच्‍चों के अपहरण और हत्‍या के मामले में रीवा रेंज के आईजी चंचल शेखर ने बताया कि अपहृत बच्चों के पिता ब्रजेश रावत ने फिरौती की रकम अपहरणकर्ताओं को देने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस से संपर्क किया था। इसके लिए मध्य प्रदेश पुलिस से संपर्क नहीं किया गया।

पुलिस ने बताया कि अपहरणकर्ताओं ने शुरुआती 4 दिन बच्चों को जगह बदल-बदलकर रखा था। 20 लाख फिरौती की रकम मिलने के बाद भी जुड़वां भाइयों की पानी में डुबोकर निर्मम हत्या कर दी। पुलिस ने बताया कि बांदा जिले के मरका घाट में मंदिर के पास दोनों भाइयों को जंजीर से बांधा और फिर एक और जंजीर से पत्थर बांधकर घाट के नीचे फेंक दिया। 

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शिक्षक ने दिया था अपहरण का आइडिया
पुलिस ने बताया कि सीतापुर निवासी एक शिक्षक रामकृष्ण बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने के लिए घर जाता था। उसने ही अपने साथियों को यह बताया था पिता के पास बहुत पैसा है। अपहरणकर्ताओं ने 11 फरवरी को भी अपहरण का प्रयास किया था, लेकिन दो किसी वजह से ऐसा नहीं कर पाए।

13 फरवरी को दो करोड़ रुपए की फिरौती के लिए अपहरणकर्ताओं ने फोन किया था। अपहरण के शुरुआती 4 दिनों में बच्चों को बदल-बदलकर रखा गया था। अपहरणकर्ता और फिरौती की मांग कर रहे थे। बच्चों से पिता की 18-19 फरवरी को शाम 4 बजे के आसपास बात कराई गई थी।

बजरंग दल के क्षेत्रीय संयोजक का भाई है घटना का मास्टरमाइंड
पुलिस ने बताया कि मुख्य आरोपित और घटना का मास्टरमाइंड पदम शुक्ला उर्फ रामकरण शास्त्री का छोटा भाई विष्णुकांत उर्फ छोटू बजरंग दल का क्षेत्रीय संयोजक है। हालांकि अपहरण में विष्णुकांत का कोई हाथ नहीं है। अपहरण में इस्तेमाल बुलेट में रामराज्य और बोलेरो में भाजपा का झंडा लगा हुआ था। इसके अलावा पदम की फोटो यूपी के कई भाजपा नेताओं के साथ भी है। कुंडा के दबंग विधायक राजा भैया के साथ भी फोटो है। पदम भाजपा का समर्थक है और कार्यक्रमों में शिरकत भी करता है।

रीवा रेंज के आईजी चंचल शेखर ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि बच्चों के अपहरण के मास्टरमाइंड पदम शुक्ला को बजरंग दल के क्षेत्रीय संयोजक विष्णुकांत का छोटा भाई बताने पर बजरंग दल के विभाग संयोजक सचिन शुक्ला ने बयान जारी किया है। शुक्ला ने बताया कि पदमकांत शुक्ला व विष्णुकांत से बजरंग दल का कोई संबंध नहीं है और न ही ये लोग किसी प्रकार के दायित्व में हैं।

बजरंग दल का कहना है कि चित्रकूट के स्थानीय संयोजक राजू त्रिपाठी हैं। बजरंग दल ने इस पूरे घटनाक्रम में सतना पुलिस की नाकामी बताया है। बजरंग दल का कहना है कि पुलिस का सिस्टम फेल रहा और वह अपनी नाकामी छिपाने के लिए बजरंग दल का नाम घसीट रही है। संगठन का कहना है कि यदि पुलिस के पास आरोपित के किसी प्रकार के पदाधिकारी होने का प्रमाण हो तो सार्वजनिक करे। अन्यथा माफी मांगे।

मौन जुलूस में शिवराज हुए शामिल
डेढ़ हफ्ते पहले चित्रकूट से अगवा हुए तेल व्यापरी के जुड़वां बेटों की हत्या के बाद से ही प्रदेश में सियासी बवाल मचा हुआ है। भाजपा ने मासूमों की मौत के लिए पुलिस औऱ सरकार पर सवाल खड़े हुए हैं। इसी मामले में आज भाजपा ने सतना बंद बुलाया है। खुद प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज मौन जुलूस में शामिल होकर जुड़वां भाईयों को श्रद्धांजलि दी। इस मौन जुलूस में बड़ी संख्या में स्कूली बच्चों के साथ आम नागरिक भी शामिल हुए।

चित्रकूट घटना : टाइम लाइन

12 फरवरी : चित्रकूट के सद्गुरु पब्लिक स्कूल से दोपहर 12.25 बजे जुड़वां भाइयों का पिस्टल की नोंक पर दो बदमाशों ने अपहरण किया।

12 फरवरी : पुलिस ने जगह-जगह सर्चिंग शुरू की, आईजी-डीआईजी व एसपी ने बैठक कर रणनीति बनाई।

13 फरवरी : मप्र-उप्र पुलिस की 26 टीमों ने जंगल में उतरकर तलाश शुरू की। जबलपुर से एसटीएफ की टीम चित्रकूट पहुंची। पुलिस ने 50 हजार का इनाम घोषित किया।

14 फरवरी : संदिग्धों को उठाया, सद्गुरु ट्रस्ट ने अपहरणकर्ताओं का पता बताने पर एक लाख का इनाम रखा।

18 फरवरी : पिता ब्रजेश रावत ने पोस्टर जारी कर बच्चों की रिहाई की मार्मिक अपील की।

15 से 22 फरवरी : पुलिस की लगातार सर्चिंग और धरपकड़ चलती रही।

23 फरवरी : मप्र पुलिस बाइक का नंबर ट्रेस कर उप्र पहुंची। यूपी पुलिस की मदद से रात लगभग 12 के बाद शव बरामद किए।

24 फरवरी : बांदा में पोस्टमार्टम के बाद 4.30 बजे शव चित्रकूट पहुंचे।

24 फरवरी : साढ़े 5 बजे मृतकों का अंतिम संस्कार किया गया।


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