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मध्‍य प्रदेश में बच्‍ची से दुष्कर्म के दोषी सिपाही को फांसी की सजा, सीसीटीवी फुटेज से हुई थी पहचान

Police constable sentenced to death in Madhya Pradesh मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर में पांच वर्षीय बच्‍ची के अपहरण और उसका दुष्कर्म के मामले में कोर्ट ने सिपाही को फांसी की सजा सुनाई है

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 27 Jan 2020 08:17 PM (IST)Updated: Mon, 27 Jan 2020 08:20 PM (IST)
मध्‍य प्रदेश में बच्‍ची से दुष्कर्म के दोषी सिपाही को फांसी की सजा, सीसीटीवी फुटेज से हुई थी पहचान
मध्‍य प्रदेश में बच्‍ची से दुष्कर्म के दोषी सिपाही को फांसी की सजा, सीसीटीवी फुटेज से हुई थी पहचान

नरसिंहपुर (मध्‍य प्रदेश), जेएनएन। Police constable sentenced to death in child molestation case in Madhya Pradesh मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर में पांच वर्षीय बच्‍ची के अपहरण और उसका दुष्कर्म के मामले में अपर सत्र न्यायालय ने सिपाही को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट ने अपने फैसले में लिखा है कि दोषी समाज के लिए संकट या खतरा है। समाज में सौहार्द बनाए रखने उक्‍त दोषी सजा-ए-मौत का हकदार है। दोषी सिपाही जबलपुर की ई-कंपनी 6वीं प्रशिक्षण वाहिनी में पदस्थ था।

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34 वर्षीय दोषी का नाम संतोष पुत्र बुद्घसिंह मरकाम है। यह घटना 24 जून 2019 की है। संतोष तब जेल के सामने बस स्टैंड के नजदीक माता-पिता और अन्य स्वजनों के साथ सो रही पांच वर्षीय बच्‍ची को उठाकर जेल के पीछे ले गया और उससे दुष्कर्म किया। बच्‍ची को सुबह गंभीर हालत में पाया गया था। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पता चला कि बच्‍ची को लेकर जाने वाला संतोष था। दोषी संतोष 27 जून से केंद्रीय कारागार में बंद है।

इधर राष्‍ट्रीय राजधानी दिल्ली में सामूहिक दुष्कर्म कांड के दोषी मुकेश की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट कल यानी मंगलवार को सुनवाई करेगा। मुकेश ने याचिका दाखिल कर राष्ट्रपति के दया याचिका खारिज करने के आदेश को चुनौती दी है। यही नहीं याचिका मेंएक फरवरी के डेथ वारंट पर भी रोक लगाने की मांग की है। यहां बता दें कि दया याचिका पर राष्ट्रपति का फैसला अंतिम होता है।

मालूम हो कि निचली अदालत ने इस मामले में चारो दोषियों मुकेश, अक्षय, विनय और पवन को फांसी दिये जाने के लिए एक फरवरी की तारीख तय कर रखी है। मुकेश की दया याचिका भी राष्ट्रपति गत 17 जनवरी को खारिज कर चुके हैं। हालांकि बाकी के तीन दोषियों ने अभी तक राष्ट्रपति के यहां दया याचिका दाखिल नहीं की है। सोमवार को मुकेश की वकील ने सुप्रीम कोर्ट से मामले पर शीघ्र सुनवाई की गुहार लगाई। 


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