तीस्ता सीतलवाड़ ने डोनेशन का इस्तेमाल निजी काम में किया: गुजरात पुलिस
तीस्ता सीतलवाड़ और उनके पति के खिलाफ गुजरात पुलिस को कुछ और अहम दस्तावेज मिले हैं। इस बात का जिक्र पुलिस ने अपने शपथ पत्र में किया है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। गुजरात पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष कहा है कि उन्हें तीस्ता सीतलवाड़ और उनके पति के खिलाफ कुछ और अहम दस्तावेज मिले हैं। इस बाबत कोर्ट में दायर किए गए 83 पन्नों के शपथ पत्र में एसीपी राहुल बी पटेल ने पूरा ब्यौरा दिया है। उन्होंने इसमें कहा है कि इन दस्तावेजों की जांच की जरूरत है। पुलिस ने कोर्ट को बताया कि तीस्ता की एनजीओ को वर्ष 2007 से लेकर 2014 तक मिले सभी तरह के दान की जांच की जा रही है। इस दौरान उनकी एनजीओ को 9.75 करोड़ रुपये का दान मिला था। इसमें देश और विदेश से मिली दान राशि शामिल है। आरोप है कि इस राशि में से करीब 3.85 करोड़ रुपये का इस्तेमाल उन्होंने निजी तौर पर किया था।
एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक पुलिस ने कोर्ट को बताया है कि मुंबई के यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में तीस्ता और आनंद का बैंक अकाउंट है। उनके मुताबिक 1 जनवरी 2001 से लेकर 31 दिसंबर 2002 के बीच इनमें से एक अकांउट में कोई पैसा जमा नहीं किया गया था। जनवरी 2013 से लेकर दिसबंर तक इस अकाउंट में आनंद ने 96.43 लाख रुपये जमा करवाए थे। इसके बाद सीतलवाड़ ने अपने अकाउंट में करीब 1.53 करोड़ रुपये जमा करवाए थे। गौरतलब हैै कि तीस्ता पर उनकी एनजीओ सेंटर फॉर जस्टिस एंड पीस और सबरंग को मिली दान की राशि का गलत इस्तेमाल करने का आरोप है।
आरोपों के मुताबिक तीस्ता को दान के तौर पर 9.75 करोड़ रुपये मिले थे जिनमें से 3.85 करोड़ रुपये का इस्तेमाल उन्होंने निजी तौर पर किया था। यह रकम उनकी एनजीओ को राज्य में वर्ष 2002 में हुए गुजरात दंगों के दौरान दंगा पीडि़तों को राहत प्रदान करने के नाम पर मिली थी। इस बाबत दंगों केे शिकार और गुलबर्गा सोसायटी में रहने वाले दंपत्ति ने उनके खिलाफ मामला दायर किया था। अपनी शिकायत में उन्होंने तीस्ता पर दंगा पीडि़तों को राहत न पहुंचाने और वादाखिलाफी करने का आरोप लगाया गया था।
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इस मामले में गुजरात हाईकोर्ट ने तीस्ता और उनके पति की अग्रिम जमानत याचिका को ठुकरा दिया था। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए आदेश दिया था कि वह पुलिस को सभी जरूरी दस्तावेज मुहैया करवाएं जिनकी उन्हें जांच में जरूरत है। वहीं तीस्ता और उनके पति जावेद आनंद ने पुलिस पर उन्हें उत्पीड़न करने का आरोप लगाते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाया था।
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