कोच्चि, प्रेट्र। नन के साथ दुष्कर्म के आरोपित जालंधर के बिशप फ्रैंको मुलक्कल को केरल पुलिस ने समन किया है। उन्हें 19 सितंबर को जांच दल के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया है। एर्नाकुलम रेंज के आइजी विजय सखारे ने बुधवार को यह जानकारी दी। उधर, बिशप ने अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों को आधारहीन और मनगढ़ंत करार दिया है।
आइजी विजय सखारे ने बताया कि पीड़िता, गवाहों और आरोपित के बयानों में विरोधाभास की वजह से जांच पूरी करने में देरी हो रही है। उन्होंने कहा कि बिशप को गिरफ्तार करने का फैसला इन विरोधाभासों को दूर करने के बाद लिया जाएगा। मामला काफी पुराना है और सिर्फ मौखिक साक्ष्यों पर आधारित है। लिहाजा इस मामले में वैज्ञानिक और तकनीकी साक्ष्य जुटाना काफी मुश्किल है।
दरअसल, बिशप को समन करने का फैसला कोच्चि में विभिन्न कैथोलिक रिफॉर्म ऑर्गनाइजेशंस और ननों के विरोध प्रदर्शनों का नतीजा है। इन प्रदर्शनों को महिला कांग्रेस, भाजपा और विभिन्न दक्षिणपंथी संगठनों का समर्थन हासिल है।
उधर, पीड़ित नन ने हाल ही में पत्र लिखकर न्याय के लिए वेटिकन से गुहार लगाई है और मुलक्कल को जालंधर के बिशप पद से हटाने की मांग की है। पीड़ित नन का सवाल है कि जब उसने सार्वजनिक रूप से सामने आने का साहस दिखाया है तो चर्च सच्चाई से आंखे क्यों फेर रहा है? पीड़ित ने यह सवाल भी किया है कि जो उसने खोया है उसे क्या चर्च लौटा सकता है? नन ने आरोप लगाया कि बिशप फ्रैंको मुलक्कल उसके खिलाफ राजनीतिक और धनबल का इस्तेमाल कर रहे हैं।
विधायक ने अभद्र भाषा के इस्तेमाल के लिए मांगी माफी
पीड़ित नन के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने के लिए केरल के निर्दलीय विधायक पीसी जॉर्ज ने बुधवार को माफी मांग ली। उन्होंने कहा, 'ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए था। भावनाओं में बहने और कोट्टायम में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान हंगामे की वजह मैंने ऐसा कहा था। इसका मुझे दुख है।'
Posted By: Ravindra Pratap Sing