कर्ज लौटाने का ठोस प्लान पेश करे नीरव मोदी- पीएनबी
मोदी ने पीएनबी से सवाल पूछा था कि पहले गड़बड़ी की राशि 280 करोड रुपये बताई गई और कुछ ही दिन बाद यह राशि बढ़ा कर 11 हजार करोड़ रुपये कर दी गई।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। नीरव मोदी और उसके सहयोगियों के हाथों 11 अरब रुपये से ज्यादा की चपत खा चुके सरकारी बैंक पीएनबी ने उन्हें पत्र लिख कर कहा है कि वह कर्ज लौटाने का ठोस प्लान पेश करे। हालांकि इसके साथ ही बैंक ने नीरव मोदी को यह धमकी भी दी है कि कर्ज वसूलने के सारे कानून सम्मत तरीके आजमाने के लिए वह स्वतंत्र है। घोटाले के सामने आने के बाद नीरव मोदी ने पीएनबी को पत्र लिख कर यह कहा था कि बैंक की वजह से यह मामला बेहद उलझ गया है और बैंक ने कर्ज वसूली के सारे रास्ते बंद कर दिये हैं। इस पत्र में मोदी ने जो मुद्दे उठाये थे पीएनबी की तरफ से उसका बिंदुवार जवाब दिया गया है।
मोदी ने पीएनबी से सवाल पूछा था कि पहले गड़बड़ी की राशि 280 करोड रुपये बताई गई और कुछ ही दिन बाद यह राशि बढ़ा कर 11 हजार करोड़ रुपये कर दी गई। पीएनबी ने इसके जवाब में कहा गया कि आरंभ में गबन की राशि 280 करोड़ रुपये ही आंकी गई थी लेकिन बाद में जब जांच आगे बढ़ी तो यह राशि बढ़ कर 11,394.02 करोड़ रुपये (1.77 अरब डॉलर) हो गई। 13 फरवरी, 2018 को इस राशि का पता चला और अगले ही दिन इसके बारे में शेयर बाजार, जांच एजेंसियों व अन्य नियामक एजेंसियों को जानकारी भेज दी गई। नीरव मोदी ने यह भी आरोप लगाया था कि बैंक ने अपनी तरफ से पूरे घटनाक्रम की जानकारी नहीं दी थी बल्कि जब स्टाक एक्सचेंज से पूछा गया तो जानकारी दी गई। इस पर पीएनबी ने कहा है कि मामले की जांच तमाम एजेंसियां कर रही थी इसलिए कुछ बातों को सार्वजनिक किये जाने से बचा गया ताकि कर्ज वसूली प्रभावित न हो।
मोदी ने यह भी कहा था कि इस प्रकरण से पीएनबी पर वित्तीय बोझ पड़ेगा। इस पर बैंक ने कहा है कि उसके पास पर्याप्त परिसंपत्तियां व पूंजी आधार है जिससे वह अपने दायित्वों को पूरा कर सकता है। मोदी ने यह भी कहा था कि पीएनबी ने कर्ज वसूली के सारे रास्ते बंद कर दिये हैं। इस पर पीएनबी का जवाब है कि वह अपने बकाये कर्ज की वसूली के लिए हर कानून सम्मत अधिकार का इस्तेमाल करेगा। पीएनबी ने मोदी पर यह भी आरोप लगाये हैं कि वह अनाधिकृत व गैर कानूनी तरीके से लेटर आफ अंडरटेकिंग (एलओयू) हासिल कर रहा था। इसके लिए मोदी बैंक के ही कुछ कर्मचारियों की मदद ले रहे थे। इसके बाद बैंक ने यह भी कहा है कि अगर मोदी के पास कर्ज वसूली का कोई ठोस प्लान हो तो उसको पेश करे। सनद रहे कि मोदी ने अपने पत्र में कहा था कि उस पर बैंक के सिर्फ 5,000 करोड़ रुपये बकाये हैं।