पीएम ने कहा, अर्थव्यवस्था की सेहत सुधारने के लिए लेने होंगे कड़े फैसले
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अर्थव्यवस्था की सेहत सुधारने के लिए आगामी आम बजट में सख्त उपायों का संकेत दिया है। मोदी ने शनिवार को कहा कि देश की वित्तीय सेहत सुधारने के लिए अगले कुछ वर्ष कड़े फैसले करने की जरूरत है। हो सकता है कि ये फैसले किसी वर्ग को पसंद न आएं, लेकिन व्यापक देशहित में ये जरूरी हैं। मोदी ने अर्थव्यवस्था की खस्ताहाल स्थिति के लिए पूर्ववर्ती संप्रग सरकार पर हमला भी किया।
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अर्थव्यवस्था की सेहत सुधारने के लिए आगामी आम बजट में सख्त उपायों का संकेत दिया है। मोदी ने शनिवार को कहा कि देश की वित्तीय सेहत सुधारने के लिए अगले कुछ वर्ष कड़े फैसले करने की जरूरत है। हो सकता है कि ये फैसले किसी वर्ग को पसंद न आएं, लेकिन व्यापक देशहित में ये जरूरी हैं। मोदी ने अर्थव्यवस्था की खस्ताहाल स्थिति के लिए पूर्ववर्ती संप्रग सरकार पर हमला भी किया।
गोवा की राजधानी पणजी में भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि वित्तीय अनुशासन लाने के लिए आगामी एक-दो वर्ष में मजबूत उपाय करना जरूरी है। ये कदम देश का आत्मविश्वास बहाल करेंगे। तीन हफ्ते पहले प्रधानमंत्री बनने के बाद यह पहला मौका है जब उन्होंने ने पूर्ववर्ती मनमोहन सिंह सरकार के प्रदर्शन पर कड़ी टिप्पणी की है। मोदी ने कहा कि उन्होंने ऐसे समय देश की बागडोर संभाली है, जब पूर्ववर्ती सरकार अपने पीछे कुछ छोड़कर नहीं गई है। उन्होंने हर चीज खाली छोड़ी है। देश की वित्तीय स्थिति खस्ताहाल है। अल्प अवधि में हो सकता है कि कड़े उपाय किसी वर्ग को पसंद न आएं।
प्रधानमंत्री ने चुनाव में मिले बहुमत और जनता की अपेक्षाओं को लेकर कहा, 'मुझे भलीभांति एहसास है कि देश ने जो अपार प्यार मुझे दिया है वह शायद मेरे कदम से मामूली कम हो जाए। लेकिन जब मेरे देशवासियों को यह भरोसा हो जाएगा कि इन कदमों से वित्तीय सेहत बेहतर हो जाएगी तो मैं यह प्यार पुन: पा लूंगा।'
अगर ये कड़े उपाय नहीं किए गए तो वित्तीय स्थिति नहीं सुधरेगी। हम मोदी या भाजपा की प्रशंसा करके देश की मदद नहीं कर सकते। इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि मोदी की प्रशंसा करने से स्थिति सुधर जाएगी। इसके कुछ देर बाद ही मोदी ने ट्वीट कर कहा कि राष्ट्रहित में कड़े फैसले लेने का वक्त आ गया है। हम जो भी फैसला लेंगे वह राष्ट्रहित से मार्गदर्शित होगा। उन्होंने भरोसा जताया कि वित्तीय अनुशासन के लिए कड़े कदमों की जो योजना बनाई है वे उनके और उनकी पार्टी के बजाय देश के व्यापक हित में होंगे।
मोदी ने कहा, 'यह गलत सोच थी कि सरकार में लोग देश के लिए काम करने को इच्छुक नहीं हैं। एक सरकारी व्यवस्था में अधिकांश अधिकारी देश के लिए कुछ न कुछ करना पसंद करेंगे। वे काम करने को तैयार हैं। प्रधानमंत्री के तौर पर पिछले 15 दिन के अपने अनुभव के आधार पर मैं यह कह सकता हूं।'