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आज आधी रात से एक देश और एक कर, राष्ट्रपति की मौजूदगी में प्रधानमंत्री करेंगे लांच

आज मध्यरात्रि में जीएसटी लांच किया जाएगा, इस अवसर पर अमिताभ बच्चन से लेकर रतन टाटा जैसी हस्तियां मौजूद रहेंगी।

By Kishor JoshiEdited By: Published: Fri, 30 Jun 2017 05:48 AM (IST)Updated: Fri, 30 Jun 2017 10:43 AM (IST)
आज आधी रात से एक देश और एक कर, राष्ट्रपति की मौजूदगी में प्रधानमंत्री करेंगे लांच
आज आधी रात से एक देश और एक कर, राष्ट्रपति की मौजूदगी में प्रधानमंत्री करेंगे लांच

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आजादी के बाद सबसे बड़े आर्थिक सुधार के तौर पर देखे जा रहे गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स को लांच करने की तैयारी पूरी हो गई है। संसद के सेंट्रल हाल में शुक्रवार देर रात होने वाले इस भव्य कार्यक्रम में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की मौजूदगी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अप्रत्यक्ष करों में नए युग की शुरुआत का ऐलान करेंगे। हालांकि कांग्रेस समेत विपक्ष के कई दलों की अनुपस्थिति खटकने वाली रहेगी।

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अड़सठ साल पहले 15 अगस्त 1947 की मध्यरात्रि में आजादी की घोषणा की तर्ज पर आयोजित इस कार्यक्रम की भव्यता का अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसे भी संसद के गोलाकार सेंट्रल हाल में ही आयोजित किया गया है। इस हॉल में इस तरह का आखिरी कार्यक्रम 1997 में हुआ था जब स्वतंत्रता के पचास वर्ष पूरे होने पर आजादी की गोल्डन जुबली मनायी गई थी। जीएसटी को लांच करने के लिए इस हाल को सरकार ने विशेष तौर पर चुना है।

कार्यक्रम में राष्ट्रपति तो मौजूद रहेंगे ही, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और एचडी देवेगौड़ा को भी आमंत्रित किया गया है। लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन और उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के साथ मंच पर शिरकत करेंगे। जानी मानी शख्सियतों में अमिताभ बच्चन और उद्योगपति रतन टाटा के भी केंद्रीय हाल में मौजूद रहने की संभावना है। इनके अतिरिक्त लता मंगेशकर, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और पूर्व वित्त मंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता यशवंत सिन्हा भी बतौर अतिथि मौजूद रहेंगे। कार्यक्रम शुक्रवार की रात 11 बजे शुरू होगा।

जहां तक क्षेत्रीय दलों का सवाल है अकाली दल नेता और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और नेशनल कान्फ्रेंस नेता अब्दुल रहीम राथर को भी निमंत्रित किया गया है। राथर जम्मू कश्मीर की पिछली सरकार में वित्त मंत्री थे। वह जीएसटी के लिए बनी वित्त मंत्रियों की उच्चाधिकार समिति के चेयरमैन भी रहे हैं। इनके साथ साथ समिति के अन्य अध्यक्षों में सुशील कुमार मोदी, पश्चिम बंगाल से असीम दासगुप्ता और केरल के केके मणि को भी आमंत्रित किया गया है।

लोकसभा और राज्यसभा के सभी सदस्यों को संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने खुद पत्र लिखकर आमंत्रित किया था। इसके अलावा जीएसटी काउंसिल के सभी सदस्यों के भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने की उम्मीद है।देश में अप्रत्यक्ष कर सुधार की दिशा में यह अब तक सबसे बड़ा कदम है। इसकी अवधारणा 2003 में तत्कालीन एनडीए की सरकार के समय सामने आई। उसके बाद 2004 में तत्कालीन यूपीए सरकार के वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने अपने बजट भाषण में इस सुधार का जिक्र किया। एक देश एक कर की अवधारणा को लेकर बने इस कानून में तकरीबन सभी तरह के अप्रत्यक्ष करों को जीएसटी में समेट लिया गया है। इसके नियम और दरें तय करने के लिए जीएसटी काउंसिल की कुल 17 बैठकें हुई और दिलचस्प तथ्य है कि इन बैठकों में सभी फैसले आम सहमति से हुए।

माना जा रहा है कि अर्थव्यवस्था में हुआ यह सुधार देश के सकल घरेलू उत्पाद में दो फीसद तक की बढ़ोतरी करने में सफल रहेगा। विशेषज्ञ मानते हैं कि आज के युग में कारोबार जिस तरीके और स्तर पर हो रहा है उसमें आगे बढ़ने के लिए भारत को ऐसे ही एक आधुनिक कानून की आवश्यकता है।

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