हार्ट ऑफ एशिया में बोले पीएम, आतंक के आकाओं पर चोट जरूरी
हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन की शुरुआत हो चुकी है। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा कि एशिया में शांति के लिए आतंकवाद पर लगाम लगाना जरूरी है।
अमृतसर (एएनआई/ जेएनएन)। हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन की औपचारिक शुरुआत हो चुकी है। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति ने कहा कि एशिया में विकास और समृद्धि के लिए आतंकवाद सबसे बड़ा खतरा है। आतंकवाद से निपटने के लिए अब ठोस कार्रवाई की जरूरत है। आतंकी संगठनों के खिलाफ लड़ाई सिर्फ भाषणों तक सीमित नहीं होना चाहिए। इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी से द्विपक्षीय मुद्दोंं पर मुलाकात की। इस दौरान दोनों राष्ट्राध्यक्षों के बीच विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई।
अफगानिस्तान में शांति भारत का मकसद
हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन को समबोधित करते हुए पीएम मोदी ने सभी अतिथियों को इस सम्मेलन में आने का निमंत्रण स्वीकार करने के लिए शुक्रिया कहा। उन्होंने कहा कि यह वीरों की भूमि है, शांति और पवित्रता का शहर है। पीएम मोदी ने कहा कि अफगानिस्तान में शांति लाना चाहते हैं, अफगानिस्तान की मदद करना हमारा मकसद है। साथ ही उन्होंने कहा कि भारत के अफगानिस्तान के साथ बेहद करीबी रिश्ते हैं। भारत पूरे क्षेत्र में शांति बहाली की कोशिश हो रही है। लेकिन क्षेत्र में विकास से ही अर्थव्यवस्ता बेहतर हो सकती है। इसके लिए सभी को मिलजुल कर आतंकवादी के आतंकी के खात्मेे के लिए आवाज उठानी होगी। आतंक और उनके आका के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी होगी। सिर्फ बात करने से कुछ नहीं होगा। पीएम मोदी ने कहा कि अफगानिस्तान के राष्ट्रपति के साथ मिलकर छठे हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन का उद्घाटन करना उनके लिए खुशी की बात है।
अशरफ गनी ने भारत को कहा 'शुक्रिया'
अशरफ गनी ने सम्मलेन के उद्घाटन के मौके पर कहा कि भारत अफगानिस्तान को बिना शर्त आर्थिक सहयोग दे रहा है और इसके लिए उन्होंने भारत का शुक्रिया अदा किया। गनी ने इस मंच से समर्थन के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को भी धन्यवाद कहा। उन्होंने आतंकवाद के मुद्दे पर सीधेतौर पर पाकिस्तान पर निशाना साधा और कहा कि तालिबान ने इस बात को माना है कि उसे पाकिस्तान का समर्थन प्राप्त है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में पिछले साल सबसे ज्यादा मौतें हुईं, जो स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि यूएन द्वारा जारी आतंकी संगठन की लिस्ट में मौजूद करीब 30 संगठन अफगानिस्तान में अपने पांव जमाने की कोशिश कर रहे हैं। अशरफ गनी ने कहा कि भारत, अफगानिस्तान और इरान के लिए चाबहार पोर्ट प्रोजेक्ट कनेक्टिविटि के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
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हार्ट ऑफ एशिया में अब तक
-वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सम्मेलन में शामिल हो रहे देशों के प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया।
-उद्घाटन सत्र के शुरुआत से पहले पीएम और 40 देशों के प्रतिनिधियों ने ग्रुप फोटो सेशन में हिस्सा लिया।
पीएम मोदी इस सम्मलेन में हिस्सा लेने के लिए शनिवार को ही अमृतसर पहुंच गए थे। आज से शुरू हो रहे इस सम्मेलन में करीब 40 देशों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। पाकिस्तान के तरफ से प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज शामिल हो रहे हैं। इसके लिए वह शनिवार को ही अमृतसर पहुंच गए थे।
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यहां पहुंचकर उन्होंने कहा कि अगर भारत चाहे तो वो आतंकवाद पर व्यापक चर्चा के लिए तैयार हैं। प्रेस से बात करते हुए उन्होने कहा कि इस मंच पर कश्मीर का मुद्दा नहीं उठेगा। उनका कहना था कि वह नहीं मानते हैं कि इस क्षेत्र में शांति कायम करने के और मुलाकात के लिए अनुरोध करने की जरूरत है। हम यहां हैं, देखते हैं क्या होता है।
हार्ट ऑफ एशिया इस्तांबुल प्रोसेस
हार्ट ऑफ एशिया इस्तांबुल प्रोसेस को 2011 में शुरू किया गया था और इसमें पाकिस्तान, अफगानिस्तान, अजरबैजान, चीन, भारत, ईरान, कजाखस्तान, किीर्गिस्तान, रूस, सउदी अरब, ताजिकिस्तान, तुर्की, तुर्कमेनिस्तान और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं। इस मंच को स्थापित करने का मकसद अफगानिस्तान और इसके पड़ोसियों के बीच सुरक्षा, राजनीति और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना है। इसके समर्थक देशों में ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, डेनमार्क, मिस्र, फ्रांस, फिनलैंड, जर्मनी, इराक, इटली, जापान, नार्वे, पोलैंड, स्पेन, स्वीडन, ब्रिटेन तथा अमेरिका शामिल हैं।