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पाकिस्तान की बर्बरता ने बिगाड़ दिए रिश्ते

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। नियंत्रण रेखा पर दो भारतीय सैनिकों की बर्बर तरीके से हत्या से आहत, आक्रोशित और साथ ही खुद को अपमानित महसूस कर रहे देशवासियों को दिलासा देने के लिए आखिरकार प्रधानमंत्री आगे आए, लेकिन पूरे एक हफ्ते बाद। हालांकि उन्होंने अपेक्षाकृत कठोरता का परिचय दिया और इसके संकेत पाकिस्तानी बुजुर्गो को वीजा अॅान अराइवल सुविधा देने के फैसले को टालने और पाकिस्तान के नौ हॉकी खिलाड़ियों को वापस भेजने से मिले। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बर्बर घटना के बाद पाकिस्तान से रिश्ते पहले जैसे नहीं रह सकते। मनमोहन सिंह का बयान ऐसे समय आया है जब वायु सेनाध्यक्ष के साथ-साथ थल सेनाध्यक्ष पाकिस्तान के खिलाफ तीखे तेवर में अपनी बात कह चुके थे।

By Edited By: Published: Tue, 15 Jan 2013 04:50 PM (IST)Updated: Tue, 15 Jan 2013 09:40 PM (IST)
पाकिस्तान की बर्बरता ने बिगाड़ दिए रिश्ते

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। नियंत्रण रेखा पर दो भारतीय सैनिकों की बर्बर तरीके से हत्या से आहत, आक्रोशित और साथ ही खुद को अपमानित महसूस कर रहे देशवासियों को दिलासा देने के लिए आखिरकार प्रधानमंत्री आगे आए, लेकिन पूरे एक हफ्ते बाद। हालांकि उन्होंने अपेक्षाकृत कठोरता का परिचय दिया और इसके संकेत पाकिस्तानी बुजुर्गो को वीजा अॅान अराइवल सुविधा देने के फैसले को टालने और पाकिस्तान के नौ हॉकी खिलाड़ियों को वापस भेजने से मिले। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बर्बर घटना के बाद पाकिस्तान से रिश्ते पहले जैसे नहीं रह सकते। मनमोहन सिंह का बयान ऐसे समय आया है जब वायु सेनाध्यक्ष के साथ-साथ थल सेनाध्यक्ष पाकिस्तान के खिलाफ तीखे तेवर में अपनी बात कह चुके थे। प्रधानमंत्री पर मौन साधे रहने का ऐसा ही आरोप पिछले माह तब लगा था जब दिल्ली में सामूहिक दुष्कर्म कांड के खिलाफ सारे देश में आक्रोश की लहर थी। उस समय भी उन्होंने एक हफ्ते बाद ही राष्ट्र के नाम संदेश के जरिये अपनी चुप्पी तोड़ी थी।

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लांस नायक हेमराज व सुधाकर सिंह की बर्बर हत्या के बाद जन आक्रोश को देखते हुए कांग्रेस पार्टी और सरकार के सहयोगी दलों की ओर से भी यही सुर आए थे कि पाकिस्तान को सख्त संदेश दिया जाना चाहिए। विपक्ष की ओर से इस भावनात्मक मुद्दे को उठाने के प्रयासों ने भी प्रधानमंत्री को खामोशी तोड़ने को मजबूर कर दिया। घटना के सात दिन बाद मौन तोड़ते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस मामले पर सरकार का नजरिया विदेश मंत्री, रक्षा मंत्री और सेनाध्यक्ष जनरल बिक्रम सिंह स्पष्ट कर चुके हैं। देर शाम मनमोहन सिंह ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात कर उन्हें सीमा पर हालात की जानकारी दी।

इससे पहले सेना दिवस के मौके पर सेनाध्यक्ष जनरल बिक्रम सिंह के घर दावत में पहुंचे प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान के साथ 15 जनवरी से लागू होने वाली वरिष्ठ नागरिकों के लिए वीजा ऑन अराइवल [आगमन पर वीजा] की व्यवस्था को टालने के फैसले को जायज ठहराया। पाकिस्तान के साथ संबंध सुधार के लिए अगुआई करते रहे प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि पाक को यह यह समझना होगा कि इस घटना के दोषियों को सजा दिया जाना जरूरी है।

हालांकि पाक के खिलाफ विकल्पों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस संबंध में सार्वजनिक तौर पर चर्चा नहीं की जा सकती। माना जा रहा है कि रियायती वीजा समझौते का क्रियान्वयन रोककर भारत पाक को शांति प्रक्रिया से हाथ खींचने के संकेत दे रहा है।

वीजा ऑन अराइवल व्यवस्था को ठंडे बस्ते में डालने के फैसले के बारे में पूछे जाने पर गृह सचिव आरके सिंह ने कहा कि कुछ तकनीकी कारणों से इसे टाल दिया गया है। दोनों देशों के बीच संबंध सुधार की कवायद में नई रियायती वीजा व्यवस्था को अहम पड़ाव माना जा रहा था। मार्च 2013 से समूह पर्यटन वीजा लागू किए जाने थे। बीते दिनों गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने पाक के साथ वीजा समझौते के क्रियान्वयन पर आगे बढ़ने की बात की थी। नियंत्रण रेखा पर हुई दो भारतीय सैनिकों की हत्या के बाद सैन्य व कूटनीतिक स्तर पर भारत की ओर से दर्ज शिकायतों पर पाकिस्तान के इन्कार के रवैये ने नई दिल्ली की खीझ बढ़ा दी है।

अभी तक शांति कायम रखने पर जोर देते आ रहे विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने भी कहा कि पाकिस्तान यह न समझे कि मेंढर की घटना पर भारत की शिकायतों की अनसुनी व सीनाजोरी के बावजूद रिश्ते सामान्य गति से आगे बढ़ते रह सकते हैं। कूटनीतिक गलियारों में इस बात के संकेत मिलने लगे हैं कि दोनों देशों के बीच समग्र वार्ता प्रक्रिया की बैठकों का सिलसिला भी लड़खड़ा सकता है।

पीएम के कड़े तेवर का भाजपा ने लूटा श्रेय

नई दिल्ली। लंबी चुप्पी के बाद प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने कड़े शब्दों में पाकिस्तान को चेतावनी क्या दी, भाजपा ने इसका श्रेय लेने में देर नहीं की। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज ने प्रधानमंत्री के बयान पर संतोष जताते हुए कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार [एनएसए] शिवशंकर मेनन के साथ भाजपा नेताओं की बातचीत का असर हुआ। सरकार ने देश का मूड समझा तो सही।' मनमोहन ने मंगलवार को कहा कि 'पाक के बर्बर व्यवहार के बाद संबंध सामान्य नहीं रह सकते हैं।'

हेमराज और सुधाकर सिंह की बर्बरतापूर्ण हत्या के बाद भाजपा ने लगातार सरकार पर कठोर कदम उठाने के लिए दबाव बनाना शुरू किया था। सोमवार को जब प्रधानमंत्री ने लोकसभा और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज और अरुण जेटली से फोन पर बात की तो उन दोनो ने भी सुझाव दिया था कि पाकिस्तान को सख्त संदेश देने की जरूरत है। पार्टी की ओर से पहले ही मांग होती रही थी कि पाक के साथ तत्काल बातचीत बंद कर देनी चाहिए। सुषमा ने हेमराज के गांव में एक कदम आगे बढ़ते हुए कहा था कि अगर हेमराज का सिर वापस नहीं आता है तो भारत को उस ओर से दस सिर लाने चाहिए।

विपक्ष को साथ लेने की मुहिम में प्रधानमंत्री ने मंगलवार को अपने सुरक्षा सलाहकार मेनन को सुषमा और जेटली से चर्चा के लिए भेजा था। मेनन ने दोनों नेताओं को वर्तमान स्थिति के बारे में बताया। मुलाकात के दौरान भाजपा नेताओं ने स्पष्ट कर दिया कि देश के सम्मान और सेना के मनोबल को बनाए रखने के लिए सरकार कोई कठोर कदम उठाती है तो विपक्ष उसके साथ है। लिहाजा यह जरूरी है कि भारत एकतरफा वार्ता की इच्छा जताने के बजाय पाकिस्तान को कठोर संदेश दे।

इसके बाद जब मंगलवार की शाम एक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने पहली बार पाकिस्तान को संबंध सामान्य न रहने की चेतावनी दी तो सुषमा ने संतोष जताया। उन्होंने कहा-'बातचीत सफल रही। अच्छा लगा कि देर से सही प्रधानमंत्री ने देश के मूड को समझा तो सही।'

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