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National Technology Day: PM मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को किया याद, लोगों को दी बधाई

1998 में इस दिन भारतीय सेना ने पोखरण में परमाणु परीक्षण किया था। इसके दो दिन बाद ही 13 मई को दो और परमाणु परीक्षण किए गए। तभी से 11 मई को National Technology Day मनाया जाता है।

By Ayushi TyagiEdited By: Published: Sat, 11 May 2019 10:15 AM (IST)Updated: Sat, 11 May 2019 10:15 AM (IST)
National Technology Day: PM मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को किया याद, लोगों को दी बधाई
National Technology Day: PM मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को किया याद, लोगों को दी बधाई

नई दिल्ली,जेएनएन। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस (National Technology day) के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को बधाई दी। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर बधाई। उन्होंने कहा कि हम 1998 में इस दिन अपने वैज्ञानिकों की उपलब्धि को बहुत गर्व के साथ याद करते हैं। 

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हमारे वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत ने हमेशा एक मजबूत और सुरक्षित भारत सुनिश्चित किया है। आशा करते है कि हम राष्ट्रीय प्रगति के लिए प्रौद्योगिकी की शक्ति का लाभ उठाते रहें। इस मौके पर उन्होंने पूर्व प्रदानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए कहा कि अटल जी और उनकी टीम की देशभक्ति और दूरदर्शिता ने 1998 में हुए परमाणु परीक्षण की सफलता में प्रमुख भूमिका निभाई है। उस महत्वपूर्ण समय में हमारे वैज्ञानिकों पर अटल जी का अटूट विश्वास मूल्यवान साबित हुआ इसने एक मजबूत राजनीतिक नेतृत्व को भी प्रदर्शित किया।

क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस

दरअसल, इस दिन 1998 में भारतीय सेना ने पोखरण में परमाणु परीक्षण किया था। इसके दो दिन बाद ही 13 मई को दो और परमाणु परीक्षण किए गए। इसके बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भारत को परमाणु शक्ति से लैस देश घोषित कर दिया था। इस ऑपरेशन को ऑपरेशन शक्ति नाम दिया गया। परमाणु शक्ति बनने वाला भारत छठां राष्ट्र था।

स्वादेशी एयरक्राफ्ट हंसा 3

वर्ष 1998 में ही 11 मई के दिन देश के पहले स्वदेशी एयरक्राफ्ट का परीक्षण बेंगलुरु में किया गया। इसका नाम "हंसा 3" रखा गया। यह अपने ढंग का पहला ऐसा टू-सीटर एयरक्राफ्ट था जिसे एविएशन फ्लाइट ट्रेनिंग और निजी उड़ान के लिए भी उपयोग में लाया जाता था।

त्रिशूल मिसाइल

इतना ही नहीं इसी दिन देश को मिसाइल के क्षेत्र में भी कामयाबी मिली थी। त्रिशूल नाम की इस मिसाइल का निर्माण भारत में ही हुआ था जो कि शार्ट रेंज की मिसाइल थी। इस मिसाइल को रक्षा शोध एवं विकास संगठन द्वारा शुरू किए गए इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत बनाया गया था। हर साल 11 मई को  भारत के तकनीकी विकास बोर्ड द्वारा विभिन्नं व्यक्तियों, नए आविष्कारकों को देश के विकास में उनके स्वदेशी तकनीकी योगदान के चलते पुरस्कृत किया जाता है।

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