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पीएम नरेंद्र मोदी बिना सिक्‍योरिटी अटल बिहारी वाजपेयी से मिलने पहुंचे एम्‍स

पीएम मोदी रविवार को वाजपेयी का हालचाल जानने के लिए एक बार फिर एम्‍स पहुंचे।

By Tilak RajEdited By: Published: Mon, 25 Jun 2018 08:24 AM (IST)Updated: Mon, 25 Jun 2018 09:47 AM (IST)
पीएम नरेंद्र मोदी बिना सिक्‍योरिटी अटल बिहारी वाजपेयी से मिलने पहुंचे एम्‍स
पीएम नरेंद्र मोदी बिना सिक्‍योरिटी अटल बिहारी वाजपेयी से मिलने पहुंचे एम्‍स

नई दिल्‍ली, एएनआइ। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी 11 जून से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती हैं। पीएम मोदी रविवार को वाजपेयी का हालचाल जानने के लिए एक बार फिर एम्‍स पहुंचे। खबरों के मुताबिक, पीएम मोदी ने बिना सिक्योरिटी और बिना रूट के अपने घर सात लोक कल्याण मार्ग से एम्स तक का सफर तय किया। इस दौरान पीएम मोदी ने सात लोक कल्याण मार्ग से एम्स तक ट्रैफिक नियमों का पालन करते हुए पहुंचे।

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पीएम मोदी बिना सुरक्षा और प्रोटोकॉल के ही अस्‍पताल पहुंचे थे, इसलिए एम्स प्रशासन को भी उनके आने की जानकारी नहीं थी। एम्स के एक सूत्र के मुताबिक, पीएम मोदी रात करीब नौ बजे अस्पताल आए और 15-20 मिनट तक यहां रुके रहे। हालांकि वाजपेयी के स्वास्थ्य की स्थिति के बारे में अस्पताल की ओर से कोई ताजा बयान जारी नहीं किया गया है। लेकिन पिछले हफ्ते सूत्रों ने कहा था कि उनकी हालत में कुछ सुधार हो रहा है।

बताया जा रहा है कि वाजपेयी अब भी कार्डियो थोरेसिक सेंटर के गहन चिकित्सा कक्ष में हैं। किडनी में संक्रमण, छाती में संकुलन और यूरिन की समस्‍या से जूझ रहे हैं। मधुमेह के शिकार वाजपेयी का एक ही गुर्दा काम कर रहा है। वाजपेयी डिमेंशिया (भूलने की बीमारी) से जूझ रहे हैं। वह 2009 से ही व्हीलचेयर पर हैं। एम्‍स ने जब पिछले दिनों वाजपेयी का मेडिकल बुलेटिन जारी किया था, तब एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने बताया था कि अटल बिहारी वाजपेयी की तबीयत में सुधार हो रहा है। उनकी किडनी अब सामान्य तरीके से काम कर रही है। जबकि हृदय गति, और बीपी भी सामान्य है। आशा है कि अगले कुछ दिनों में वो पूरी तरह ठीक हो जाएंगे। कुल मिलाकर उनका स्वास्थ्य अब बेहतर है। लेकिन इसके बाद उनका कोई मेडिकल बुलेटिन जारी नहीं किया गया है।

गौरतलब है कि अटल बिहारी वाजपेयी 1996 और 1999 के बीच तीन बार प्रधानमंत्री निर्वाचित हुए। वह 1999 से 2004 तक प्रधानमंत्री थे। प्रधानमंत्री के पद पर पांच साल से अधिक समय तक रहने वाले वह पहले गैर कांग्रेसी नेता थे। स्वास्थ्य बिगड़ने के कारण वह धीरे-धीरे सार्वजनिक जीवन से दूर हो गये।


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