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Video : महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर पीएम मोदी प्रार्थना सभा में हुए शामिल, कहा- लाखों को प्रेरित करते हैं बापू के आदर्श

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को गांधी स्मृति में महात्मा गांधी की 73वीं पुण्यतिथि पर आयोजित प्रार्थना सभा में भाग लिया। इससे पहले उन्‍होंने राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा- बापू के आदर्श आज भी लाखों लोगों को प्रेरित करते हैं।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 30 Jan 2021 05:46 PM (IST)Updated: Sat, 30 Jan 2021 06:00 PM (IST)
Video : महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर पीएम मोदी प्रार्थना सभा में हुए शामिल, कहा- लाखों को प्रेरित करते हैं बापू के आदर्श
प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को गांधी स्मृति में महात्मा गांधी की 73वीं पुण्यतिथि पर आयोजित प्रार्थना सभा में भाग लिया।

नई दिल्‍ली, एजेंसियां। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को गांधी स्मृति में महात्मा गांधी की 73वीं पुण्यतिथि पर आयोजित प्रार्थना सभा में भाग लिया। इससे पहले उन्‍होंने राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा- महान बापू की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि। बापू के आदर्श आज भी लाखों लोगों को प्रेरित करते हैं।

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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा... आज शहीद दिवस पर हम उन सभी महापुरुषों और महान महिलाओं के बलिदान को याद करते हैं, जिन्होंने भारत की आजादी और प्रत्येक भारतीय की कुशलता के लिए खुद को समर्पित कर दिया। 

महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली में राजघाट जाकर बापू को पुष्पांजलि अर्पित की।

राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस मौके पर कहा कि लोगों को शांति, अहिंसा, सादगी, साधनों की शुचिता और विनम्रता के बापू के आदर्शों का पालन करना चाहिए। आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अमर-बलिदान के दिन कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से उनकी पुण्य स्मृति को मैं नमन करता हूं। आइए हम महात्‍मा गांधी के दिखाए सत्य और प्रेम के मार्ग पर चलने का संकल्प लें।

वहीं उप राष्‍ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि अहिंसा ही सबसे बड़ा धर्म है। यदि हम इसका पूरी तरह से पालन न भी कर पाएं तो भी हमें इसकी भावना को समझना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि जहां तक संभव हो हिंसा का त्याग करना चाहिए। गांधी जी शांति, अहिंसा, नि:स्वार्थ सेवा के साधक थे। उन्‍होंने अपने कर्म से समय की रेत पर अपनी अमिट छाप छोड़ी। गांधी जी के सिद्धांत आज भी विश्‍व को कल्याण का रास्‍ता दिखाते हैं। 


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