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महाराष्ट्र के CM उद्धव ठाकरे के जन्मदिवस पर प्रधानमंत्री मोदी समेत तमाम नेताओं और अधिकारियों ने दी बधाई

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का आज जन्मदिन है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई नेताओं और अधिकारियोें ने बधाई दी है।

By Pooja SinghEdited By: Published: Mon, 27 Jul 2020 11:34 AM (IST)Updated: Mon, 27 Jul 2020 11:34 AM (IST)
महाराष्ट्र के CM उद्धव ठाकरे के जन्मदिवस पर प्रधानमंत्री मोदी समेत तमाम नेताओं और अधिकारियों ने दी बधाई
महाराष्ट्र के CM उद्धव ठाकरे के जन्मदिवस पर प्रधानमंत्री मोदी समेत तमाम नेताओं और अधिकारियों ने दी बधाई

नई दिल्ली, पीटीआइ। आज यानी 27 जुलाई को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का 60 वां जन्मदिन है। इस खास मौकै पर प्रधानमंत्री मोदी समेत कई अधिकारियों और नेताओं ने बधाई दी है। प्रधानमंत्री मोदी ने उनके जन्मदिन पर बधाई देते हुए उनके लंबे और स्वस्थ जीवन की कामना की। पीएम ने ठाकरे को बधाई देते हुए संदेश में कहा, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री उद्धव ठाकरे जी को उनके जन्मदिन की शुभकामनाएं। मैं उनके स्वस्थ जीवन और लंबी आयु की कामना करता हूं'। 

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27 जुलाई 1960 को हुआ जन्म

उद्धव ठाकरे का जन्म वर्ष 1960 में 27 जुलाई को मुंबई में हुआ। उनका पूरा नाम उद्धव बाल कैशव ठाकरे हैं।आज वह 60 साल के हो गए हैं। महाराष्ट्र की राजनीति में इनका महत्वपूर्ण योगदान है। 20 साल पहले सीएम ने अपने पिता की राजनीतिक विरासत संभाली थी। साल 2000 से पहले उद्धव राजनीति से दूर रहे थे। बेहद ही कम समय में शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एक अलग ही मुकाम हासिल किया है। पिता और शिवसेना के संस्थापक बालासाहब ठाकरे का सपना साकार करने के लिए कांग्रेस-एनसीपी से हाथ मिलाकर वह मुख्यमंत्री बने। 

उद्धव ठाकरे पहले शिवसेना के अखबार 'सामना' का काम देखते थे। उनके पिता बाल ठाकरे की सेहत खराब हुई थो उद्धव राजनीति में सक्रिय हुए और पार्टी का कामकाज देखने लगे। उनका राजनीतिक सफर काफी उतार-चढ़ाव से भरपूर रहा है। 

उस दौरान बाल ठाकरे के बाद शिवसेना के उत्तराधिकारी कौन होगा यह मुख्य प्रश्न बन गया था। इसके लिए सीएम उद्धव ठाकरे को अपने चचेरे भाई राज ठाकरे से भी लड़ाई लड़नी पड़ी। इसके चलते पार्टी में एक गुट को विरोध भी झेलना पड़ा। उद्धव को शिवसेना की राजनीतिक वजूद को कायम रखने के लिए भाजपा से मिलना पड़ा। इसके बाद भाजपा-शिवसेना 25 साल तक एक साथ रहे, लेकिन साल 2019 में दोनों को सत्ता की कुर्सी के लिए अलग होना पड़ा और वैचारिक विरोध के चलते कांग्रेस-एनसीपी से शिवसेना को हाथ मिलाना पड़ा। 


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