कोरोना संकट काल में 18-19 घंटे काम कर रहे PM मोदी, सरकार कर रही दिन-रात काम- पीयूष गोयल
केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल का कहना है कि कोरोना संकट काल में केंद्र दिन-रात काम कर रहा है। पीएम मोदी 18-19 घंटे काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए।
नई दिल्ली, एएनआइ। रेल, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि कोरोना प्रबंधन में राज्यों की मदद करने के लिए केंद्र सरकार 24 घंटे काम कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री खुद 18-19 घंटे काम कर रहे हैं।कोरोना के हालात को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राकांपा के कुछ नेताओं की ओर से की गई टिप्पणियों का जिक्र करते हुए गोयल ने कहा कि उन्हें बुरा लगता है जब इस मुद्दे को राजनीतिक रंग देने की कोशिश की जाती है।
उन्होंने बताया कि प्रचार अभियान से लौटने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने देश में महामारी की स्थिति की समीक्षा की थी। प्रधानमंत्री ने उनसे (पीयूष गोयल) रात एक बजे (शनिवार) हालात का ब्योरा लेने के लिए बात की थी। गोयल ने कहा कि सरकार महामारी के खिलाफ बिना किसी भेदभाव के लड़ रही है और इस मुद्दे पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए।
आक्सीजन को लेकर सरकार का फैसला
कोरोना के बढ़ते संक्रमण और उसके अनुरूप आक्सीजन की आपूर्ति में कमी को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने उद्योगों को आक्सीजन की आपूर्ति पर सोमवार से अगले आदेश तक प्रतिबंध लगा दिया है। हालांकि नौ उद्योगों को इस प्रतिबंध से छूट दी गई है। इसके अलावा रेलवे ने देश में आक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन चलाने का फैसला किया है।
महाराष्ट्र को मिलेगा सबसे ज्यादा हिस्सा
समाचार एजेंसी एएनआइ से बातचीत में रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि रविवार को 12 राज्यों के साथ बैठक में केंद्र सरकार ने उनकी विभिन्न मांगों पर विचार किया। इसमें राज्यों को 6,177 मीट्रिक टन आक्सीजन वितरित करने का फैसला किया गया। इसमें से महाराष्ट्र को सबसे ज्यादा 1,500 मीट्रिक टन आक्सीजन मिलेगी, जबकि दिल्ली 350 मीट्रिक टन और उत्तर प्रदेश को 800 मीट्रिक टन आक्सीजन मिलेगी।
4,002 कोच कोरोना केयर फैसिलिटी में तब्दील
कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच रेलवे ने अपने 4,002 कोचों को कोरोना केयर कम आइसोलेशन फैसिलिटी में तब्दील किया है ताकि राज्य सरकारों को सहायता उपलब्ध कराई जा सके। इनमें से 94 कोचों को महाराष्ट्र के नंदुरबार में तैनात किया गया है। अन्य कोचों को राज्यों के अनुरोध पर उन्हें आवंटित किया जाएगा। उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल का कहना है कि इनके लिए राज्यों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।