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Sant Tukaram Temple: पीएम मोदी पुणे के देहू में संत तुकाराम मंदिर का करेंगे उद्घाटन, भक्तों से भी करेंगे बातचीत

अधिक जानकारी देते हुए जगद्गुरु श्री संत तुकाराम महाराज संस्थान के अध्यक्ष नितिन मोरे ने कहा कि शिला मंदिर एक पत्थर (शिला) के स्लैब को समर्पित मंदिर है जिस पर संत तुकाराम ने 13 दिनों तक ध्यान किया था।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Mon, 06 Jun 2022 04:50 PM (IST)Updated: Mon, 06 Jun 2022 04:50 PM (IST)
Sant Tukaram Temple: पीएम मोदी पुणे के देहू में संत तुकाराम मंदिर का करेंगे उद्घाटन, भक्तों से भी करेंगे बातचीत
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की फाइल फोटो ।

नई दिल्ली, पीटीआइ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 14 जून को पुणे से करीब 30 किलोमीटर दूर देहू में संत तुकाराम मंदिर का उद्धघाटन करेंगे। 17वीं सदी के संत तुकाराम का जन्मस्थान देहू है। उनके सम्मान में पीएम मोदी एक मंदिर शिला राष्ट्र को समर्पित करेंगे। साथ ही पीएम मोदी महाराष्ट्र के पंढरपुर में विठोबा मंदिर की पैदल यात्रा करने वाले संत तुकाराम के भक्तों के साथ बातचीत करेंगे।

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अधिक जानकारी देते हुए जगद्गुरु श्री संत तुकाराम महाराज संस्थान के अध्यक्ष नितिन मोरे ने कहा कि शिला मंदिर एक पत्थर (शिला) के स्लैब को समर्पित मंदिर है जिस पर संत तुकाराम ने 13 दिनों तक ध्यान किया था। साथ ही उन्होंने बताया कि शीला के पास मंदिर में संत तुकाराम की नई मूर्ति स्थापित की गई है।

पौराणिक कथाओं में माना जाता है कि संत तुकाराम को विद्वान रामेश्वर भट द्वारा इंद्रायणी नदी में अपने छंदों की पुस्तकों को डुबोने के लिए बनाया गया था। संत तुकाराम की दलील है कि प्राकृत में वेदों के सार को स्पष्ट करने वाले श्लोक उनका लेखन नहीं थे, बल्कि उनके माध्यम से बोलने वाले भगवान के वचनों को भट के साथ कोई अनुग्रह नहीं मिला।

13 दिनों तक ध्यान में नदी के तट पर पत्थर की पटिया पर बैठे रहे संत तुकाराम

दंतकथाओं के अनुसार भट ने संत तुकाराम से छंदों की पुस्तकों को नदी में डुबाने के लिए कहा और घोषणा की कि यदि यह वास्तव में भगवान कर रहे हैं, तो वह उन्हें बेदाग लौटा देंगे। संत तुकाराम 13 दिनों तक ध्यान में नदी के तट पर पत्थर की एक पटिया पर बैठे रहे, जिसके बाद पानी से अप्रभावित किताबें नदी में तैरती मिलीं।

बता दें कि तुकाराम के भक्त, वारकरी, आषाढ़ और कार्तिक के हिंदू महीनों में पंढरपुर की तीर्थ यात्रा शुरू करने से पहले शिला मंदिर में प्रार्थना करते हैं।

गौरतलब है कि पिछले साल नवंबर में मोदी ने संत ज्ञानेश्वर महाराज पालकी मार्ग (NH-965) और संत तुकाराम महाराज पालकी मार्ग (NH-965G) के प्रमुख खंडों की चार लेन की आधारशिला रखी थी। पंढरपुर की तीर्थ यात्रा करने वाले वारकरियों की आवाजाही को आसान बनाने के लिए राजमार्गों के साथ समर्पित पैदल मार्ग का निर्माण किया जा रहा है।


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