जलवायु परिवर्तन पर होने वाले शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे पीएम मोदी: विदेश मंत्रालय
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरदिंम बागची ने कहा कि जलवायु परिवर्तन पर अमेरिका में शिखर सम्मेलन के लिए 23-24 अप्रैल को बुलाई गई है। राष्ट्रपति जो बाइडन के विशेष दूत जॉन केरी भारत यात्रा पर आए थे। पीएम नरेंद्र मोदी अन्य विश्व नेताओं के साथ शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे।
नई दिल्ली, एएनआइ। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरदिंम बागची ने कहा कि जलवायु परिवर्तन पर अमेरिका में शिखर सम्मेलन के लिए 23-24 अप्रैल को बुलाई गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के विशेष दूत जॉन केरी भारत की यात्रा पर आए थे। राष्ट्रपति बिडेन के निमंत्रण पर पीएम नरेंद्र मोदी अन्य विश्व नेताओं के साथ शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि हम पूर्वी लद्दाख में बाकी क्षेत्रों में सेना को पीछे होना देखना चाहते हैं। परामर्श और समन्वय के लिए कार्य प्रणाली (WMCC) पर 12 मार्च को बैठक के दौरान भारत और चीन ने वरिष्ठ कमांडरों की बैठक के 11 वें दौर की बैठक के लिए सहमति व्यक्त की थी। उन्होंने कहा कि भारत पराग्वे में एक दूतावास खोल रहा है।
US Special Presidential Envoy for Climate John Kerry's visit was in the run-up to summit on climate, convened by the US on April 23-24 virtually. At invitation of President Biden, PM Narendra Modi will participate in summit along with other world leaders: Arindam Bagchi, MEA spox pic.twitter.com/IOQV1BaMtW
— ANI (@ANI) April 8, 2021
अन्य देशों से रूस के संबंधों पर नहीं टिकी है भारत की दोस्ती
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि रूस के साथ भारत की दोस्ती करीबी और परखी हुई है। इसकी अपनी अहमियत है। किसी अन्य देश से रूस के संबंधों से इस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ सकता है। भारत दौरे के बाद रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के पाकिस्तान जाने पर विदेश मंत्रालय ने यह बात कही।
रूस के विदेश मंत्री का भारत दौरा दोनों देशों के संबंधों की समीक्षा का अच्छा अवसर बनकर सामने आया। भारत और रूस के संबंधों का अपना आधार है। इस पर किसी अन्य देश का प्रभाव नहीं पड़ता है। हालांकि बागची ने रूस की ओर से पाकिस्तान को हथियार आपूर्ति पर कोई टिप्पणी नहीं की। लावरोव इसी हफ्ते भारत दौरे पर आए थे।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह दौरा द्विपक्षीय संबंधों के कई अहम पहलुओं पर चर्चा का अवसर बना। इस दौरान अगले भारत-रूस वार्षिक सम्मेलन की तैयारियों की भी समीक्षा की गई। साथ ही साझा हितों वाले क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर भी बात हुई।