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Drone Festival Delhi: पीएम मोदी ने कहा- ड्रोन तकनीक रोजगार देने वाली है, 2030 तक भारत बनेगा 'ड्रोन हब'

Delhi Drone Festival 2022 प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं ड्रोन प्रदर्शनी से प्रभावित हूं। 2030 तक भारत ड्रोन हब बनेगा। उन्होंने कहा जिन-जिन स्टॉल में मैं आज गया वहां सभी लोग बहुत गर्व से कहते थे कि ये मेक इन इंडिया हैं।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Fri, 27 May 2022 07:57 AM (IST)Updated: Fri, 27 May 2022 12:23 PM (IST)
Drone Festival Delhi: पीएम मोदी ने कहा- ड्रोन तकनीक रोजगार देने वाली है, 2030 तक भारत बनेगा 'ड्रोन हब'
दिल्ली के प्रगति मैदान में पीएम मोदी ने किया ड्रोन महोत्सव का उद्घाटन (फोटो एजेंसी)

नई दिल्ली, पीटीआई। दिल्ली के प्रगति मैदान में दो दिवसीय ड्रोन महोत्सव 2022 का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने प्रदर्शनी का भी निरीक्षण किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं ड्रोन प्रदर्शनी से प्रभावित हूं। 2030 तक भारत ड्रोन हब बनेगा। उन्होंने कहा, जिन-जिन स्टॉल में मैं आज गया, वहां सभी लोग बहुत गर्व से कहते थे कि ये मेक इन इंडिया हैं।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि यह उत्सव सिर्फ ड्रोन का नहीं, यह नए भारत-नई गवर्नेंस का उत्सव है। ड्रोन टेक्नोलॉजी को लेकर भारत में जो उत्साह देखने को मिल रहा है, वो अद्भुत है। ये जो ऊर्जा नजर आ रही है, वो भारत में ड्रोन सर्विस और ड्रोन आधारित इंडस्ट्री की लंबी छलांग का प्रतिबिंब है। पीएम ने कहा, यह ऊर्जा भारत में रोजगार सृजन के एक उभरते हुए बड़े सेक्टर की संभावनाएं दिखाती है। उन्होंने कहा, आठ वर्ष पहले यही वो समय था, जब भारत में हमने सुशासन के नए मंत्रों को लागू करने की शुरुआत की थी।

टेक्नोलॉजी को समझा समस्या का हिस्सा

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पहले की सरकारों ने टेक्नोलॉजी को समस्या का हिस्सा समझा। उसे गरीब विरोधी साबित करने की कोशिश की गई। इस कारण 2014 से पहले गवर्नेंस में टेक्नॉलॉजी के उपयोग को लेकर उदासीनता का वातावरण रहा। इसका सबसे अधिक नुकसान गरीब को हुआ, वंचित को हुआ और मिडिल क्लास को हुआ। उन्होंने कहा, तकनीकी के माध्यम से हम आगे बढ़कर अंत्योदय के लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।

ड्रोन से मिल जाती है विकास कार्यों की जानकारी

पीएम मोदी ने आगे कहा कि जब केदारनाथ के पुनर्निर्माण का काम शुरू हुआ था, तो हर बार मेरे लिए वहां जाना संभव नहीं था। तो मैं ड्रोन के जरिए केदारनाथ के काम का निरीक्षण करता था। आज सरकारी कामों की गुणवत्ता को देखना है तो यह ज़रूरी नहीं है कि मैं बता दूं कि मुझे वहां निरीक्षण करने के लिए जाना है। मैं ड्रोन भेज दूं तो वह जानकारी लेकर आ जाता है और उन्हें पता भी नहीं चल पाता है कि मैंने जानकारी ले ली है।

घरेलू उद्योगों की मदद कर रही सरकार

कुछ समय पहले तक ड्रोन के लिए पूरी तरह से आयात पर निर्भर भारत तेजी से इस मामले में आत्मनिर्भरता की तरफ कदम बढ़ा रहा है। घरेलू उद्योग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ही फरवरी में ड्रोन के आयात पर प्रतिबंध का भी एलान कर दिया गया। अब केवल आरएंडडी, डिफेंस और सिक्योरिटी के लिए ही ड्रोन आयात की अनुमति है। इनके लिए भी क्लियरेंस जरूरी होगा। आयात पर प्रतिबंध के कदम से घरेलू ड्रोन निर्माताओं को लाभ होगा। ड्रोन के पुर्जो के आयात पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। सरकार ने ड्रोन उद्योग के लिए परचेज लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआइ) योजना भी शुरू की है, जिसे जबर्दस्त प्रतिक्रिया मिली है।


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