पीएम मोदी ने कसे तार, सरकारी परियोजनाओं ने कुछ यूं पकड़ी रफ्तार
विलंब से चल रही केंद्रीय परियोजनाओं में आई भारी कमी। तीन साल पहले सिर्फ 19 फीसद परियोजनाएं थी समय पर, अभी इनकी संख्या 135 फीसद।
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। तकरीबन तीन वर्ष पहले सत्ता में आने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने व्यक्तिगत तौर पर कई बार विलंब से चल रही परियोजनाओं पर अपनी चिंता जता चुके हैं। केंद्र सरकार की मदद से चलने वाली परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए उन्होंने 'प्रगति' नाम से निगरानी तंत्र बनाया, जिसकी अध्यक्षता वह स्वयं करते हैं। दो हफ्ते पहले ही इसकी 21वीं बैठक हुई है।
अगर आरबीआई की तरफ से उपलब्ध कराये गये आंकड़ों पर भरोसा करे तो इसमें कोई शक नहीं है कि देश में समय पर पूरा होने वाले परियोजनाओं की रफ्तार तेजी से बढ़ी है। विगत तीन वर्षो में नई परियोजनाओं की संख्या में भारी इजाफे के बावजूद समय पर चल रही परियोजनाओं की संख्या तकरीबन डेढ़ गुणा बढ़ी हैं।
अर्थव्यवस्था से जुड़े आंकड़ें आरबीआइ ने शुक्रवार को जारी किये हैं। इनमें केंद्रीय परियोजनाओं का लेखा जोखा भी है। ये आंकड़े बताते हैं कि केंद्र में राजग सरकार के आने के बाद अगर केंद्रीय परियोजनाओं की संक्या में 79 फीसद का इजाफा हुआ है तो समय पर पूरा होने वाली परियोजनाओं की संख्या भी 145 फीसद बढ़ी है। विलंब होने वाली परियोजनाओं की संख्या भी हालांकि 56 फीसद बढ़े हैं।
अभी देश में कुल 1271 केंद्रीय परियोजनाएं चल रही हैं। जबकि वर्ष 2014 में इन परियोजनाओं की संख्या 710 थी। तीन वर्ष पहले अगर समय से पहले चल रही परियोजनाओं की संख्या तीन थी तो आज की तारीख में यह संख्या नौ है। समय पर चल रही परियोजनाओं की संख्या अगर तब 132 थी तो आज इनकी संख्या 324 है। अगर तीन वर्ष पहले की स्थिति देखे तो 19 फीसद परियोजनाएं ही समय पर चल रही थी। वैसे देरी से चलने वाली परियोजनाओं की संख्या 209 थी तो आज इन परियोजनाओं की संख्या 327 है। वैसी परियोजनाएं भी हैं जिनके पूरा करने की कोई समय तय नहीं की गई है। इनकी संख्या तब 366 थी और आज 571 हैं।
विभिन्न मंत्रालयों के प्रदर्शन का आंकड़ा
ये आंकड़े एक तरह से मोदी सरकार के विभिन्न मंत्रियों के प्रदर्शन का भी कच्चा चिठ्ठा है। मसलन, पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्रालय के तहत चलने वाली परियोजनाओं ने समय पर चलने में सबसे बेहतर प्रदर्शन किया है। इनके तहत कुल परियोजनाओं की संख्या इस दौरान 76 से बढ़ कर 91 हो गई हैं तो समय पर चलने वाल परियोजनाओं की संख्या 17 से बढ़ कर 46 हो गई हैं।
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान के कार्यकाल में विलंब परियोजनाओं की संख्या 50 से घट कर 35 हो गई हैं। बिजली मंत्रालय के तहत भी समय पर चल रही परियोजनाओं की संख्या 36 से बढ़ कर 57 हुई हैं हालांकि विलंब से चलने वाली परियोजनाओं की संख्या भी 44 से बढ़ कर 57 हो गई हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि नए रेल मंत्री पीयूष गोयल अपने बिजली मंत्रालय का रिकार्ड यहां बरकरार रख पाते हैं या नहीं। क्योंकि रेल मंत्रालय के तहत समय पर चल रही परियोजनाओं की संख्या 15 से बढ़ कर 42 हुई हैं लेकिन विलंब से चलने वाली परियोजनाएं भी 37 से बढ़ कर 38 हो गई हैं।
सबसे ज्यादा विलंब से चलने वाली परियोजनाएं (107) सरफेस ट्रांसपोर्ट मंत्रालय की है। यह इसलिए है कि क्योंकि सबसे ज्यादा नई परियोजनाएं (326) इसी मंत्रालय में शुरु की गई हैं। 106 परियोजनाएं इसकी समय पर चल रही है। स्टील मंत्रालय के तहत चल रही परियोजनाओं की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। 33 में से 19 परियोजनाएं विलंब से चल रही हैं।
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