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PM मोदी ने अफगानिस्तान में आत्मघाती हमले की निंदा की, 20 हिंदू मारे गए

मोदी ने कहा कि मैं शोकग्रस्त परिवारों के साथ हूं। मैं प्रार्थना करता हूं कि घायल जल्द ही ठीक हो जाए। '

By Ramesh MishraEdited By: Published: Mon, 02 Jul 2018 08:41 AM (IST)Updated: Mon, 02 Jul 2018 08:53 AM (IST)
PM मोदी ने अफगानिस्तान में आत्मघाती हमले की निंदा की, 20 हिंदू मारे गए
PM मोदी ने अफगानिस्तान में आत्मघाती हमले की निंदा की, 20 हिंदू मारे गए

नई दिल्‍ली /जलालाबाद [ जेएनएन] । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अफगानिस्तान में आतंकवादी हमलों की दृढ़ता से निंदा की है। उन्‍होंने कहा कि 'यह अफगानिस्तान के बहुसांस्कृतिक सोच पर हमला है। मोदी ने कहा कि मैं शोकग्रस्त परिवारों के साथ हूं। मैं प्रार्थना करता हूं कि घायल जल्द ही ठीक हो जाए। '

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उन्‍होंने कहा कि 'भारत इस दुखद क्षण में अफगानिस्तान सरकार की सहायता के लिए तैयार है।' बता दें कि अफगानिस्तान के पूर्वी शहर जलालाबाद में रविवार को सिखों व हिंदुओं को ले जा रही बस पर आत्मघाती हमले में कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई और 20 अन्य घायल हैं। सरकारी अस्पताल के प्रवक्ता ने हमले में 17 सिख व हिंदुओं के मरने की पुष्टि की है।

 

इनमें प्रमुख सिख नेता अवतार सिंह खालसा भी शामिल हैं। वह अक्टूबर में प्रस्तावित संसदीय चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे। अधिकारियों ने मरने वालों की तादाद बढ़ने की आशंका जताई है। नांगरहार प्रांत के पुलिस प्रमुख गुलाम सनाई स्तानेकजई ने बताया कि आत्मघाती हमलावर ने एक बस में विस्फोट कर दिया। बस पर सवार लोग राष्ट्रपति अशरफ गनी से मिलने जा रहे थे। इनमें ज्यादातर अल्पसंख्यक सिख व हिंदू थे।

स्तानेकजई के अनुसार, आत्मघाती हमले में अधिकतर सिखों की मौत हुई है। काबुल स्थित भारतीय दूतावास ने इस आतंकी हमले की निंदा की है। हमले में अवतार सिंह खालसा के पुत्र नरेंद्र सिंह भी गंभीर रूप से घायल हुए हैं। उन्होंने कहा कि हमला उनके काफिले को लक्ष्य बनाकर किया गया था। नांगरहार प्रांत के गवर्नर के प्रवक्ता अताउल्ला खोगयानी ने बताया कि इस हमले से कुछ ही घंटे पहले राष्ट्रपति ने जलालाबाद में एक अस्पताल का उद्घाटन किया था।

हमला इतना जबरदस्त था कि धुएं के गुबार से पूरे मुखाबेरात स्क्वायर में अंधेरा छा गया और आसपास के कई दुकानों और मकानों को नुकसान पहुंचा। जहां पर यह हमला हुआ, उस इलाके में ज्यादातर हिंदुओं की दुकानें हैं। अधिकारियों के मुताबिक, हताहतों की संख्या इससे कहीं ज्यादा हो सकती थी। लेकिन, राष्ट्रपति गनी की यात्रा के चलते ज्यादातर सड़कों को बंद कर दिया गया था।

राष्ट्रपति के प्रवक्ता ने बताया कि गनी इस समय जलालाबाद में ही हैं। लेकिन, उस इलाके से दूर हैं, जहां आत्मघाती हमला हुआ। अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि सात शव यहां लाए गए हैं। कई घायल लोगों को भी इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। अभी तक किसी ने इस आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।

लेकिन, हाल के दिनों में आइएस के आतंकी यहां अपनी जड़ें जमाने में कामयाब रहे हैं। पिछले कुछ समय से वे जलालाबाद में लगातार आतंकी हमलों को अंजाम दे रहे हैं। जलालाबाद नांगरहार प्रांत की राजधानी है।

रह गई बेहद सीमित संख्या

1970 में अफगानिस्तान में सिखों की संख्या लगभग अस्सी हजार थी। लगातार भेदभाव व भय के कारण वे लगातार पलायन करते रहे। आज स्थिति यह है कि उनकी संख्या अब केवल एक हजार रह गई है।


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