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गैरकानूनी तरीके से हुई सीवीसी की नियुक्ति रद्द करे सरकार: कांग्रेस

कांग्रेस ने सरकार को चेतावनी दी है कि नियुक्ति रदद कर नये सिरे से नियुक्ति नहीं की गई तो कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट में इसे चुनौती दे सकती है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Wed, 19 Feb 2020 09:21 PM (IST)Updated: Wed, 19 Feb 2020 09:21 PM (IST)
गैरकानूनी तरीके से हुई सीवीसी की नियुक्ति रद्द करे सरकार: कांग्रेस
गैरकानूनी तरीके से हुई सीवीसी की नियुक्ति रद्द करे सरकार: कांग्रेस

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस ने केंद्रीय सतर्कता आयुक्त की नियुक्ति प्रक्रिया को असंवैधानिक और गैरकानूनी करार देते हुए संजय कोठारी को सीवीसी नियुक्त करने के फैसले को रद्द करने की मांग की है। सीवीसी के साथ केंद्रीय सतर्कता आयुक्त की पूरी नियुक्ति प्रक्रिया को मनमाना ठहराते हुए पार्टी ने सरकार को चेतावनी दी है कि नियुक्ति रदद कर नये सिरे से नियुक्ति नहीं की गई तो कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट में इसे चुनौती दे सकती है।

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कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने सीवीसी की नियुक्ति में तमाम प्रक्रिया और कानूनों की धज्जियां उड़ाने जाने का हवाला देते हुए कहा कि संजय कोठारी ने न इस पद के लिए आवेदन दिया था और न ही सर्च कमिटी ने अपनी ओर से उनके नाम का सुझाव दिया था। मगर मनपसंद अधिकारी को सीवीसी बनाने के सरकार के फैसले से साफ है कि वह कुछ बड़ी गड़बड़ी छुपाना चाहती है। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि सीवीसी और सर्तकता आयुक्त के लिए आए आवेदनों और इनके शार्ट लिस्ट करने में सर्च कमिटी की खामियों को लोकसभा मे कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने चयन समिति की बैठक में मंगलवार को जब प्रमुखता से उठाया तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रक्रिया की खामियों की उनकी राय से सहमति जताई।

लेकिन इसके बाद इसे दुरूस्त करने की बजाय पीएम ने राष्ट्रपति के सचिव संजय कोठारी का नाम निकाला और उन्हें सीवीसी नियुक्त करने का फैसला कर लिया। मनीष तिवारी ने कहा कि सीवीसी की इस तरह से की गई नियुक्ति से साफ है कि संवैधानिक संस्थाओं को भाजपा-एनडीए सरकार किस तरह ध्वस्त कर रही है।

सर्च कमिटी में वित्त सचिव राजीव कुमार भी थे जबकि उन्होंने खुद सीवीसी के लिए आवेदन कर रखा था और इसकी वजह से दूसरे आवेदकों के मुकाबले गैरवाजिब लाभ की स्थिति में थे। कांग्रेस नेता ने कहा कि चपरासी के पद पर नियुक्ति भी इस मनमाने तरीके से नहीं की जा सकती जैसे सरकार ने सीवीसी की नियुक्ति कर दी और इससे साफ लगता है कि सरकार कोई बड़ी चीज छुपाना चाहती है।

बता दें कि राष्ट्रपति के सचिव संजय कोठारी को अगला केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) नियुक्त किया गया है, जबकि पूर्व सूचना एवं प्रसारण सचिव बिमल जुल्का को मुख्य सूचना आयुक्त (सीआइसी) चयनित किया गया है। जुल्का फिलहाल केंद्रीय सूचना आयोग में बतौर सूचना आयुक्त सेवारत हैं। इनका चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली उच्चाधिकार समिति ने किया।

एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि उच्चाधिकार समिति ने बहुमत से सुरेश पटेल को सतर्कता आयुक्त तथा अनीता पांडोव को सूचना आयुक्त के रूप में नियुक्त करने फैसला किया है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद इन नियुक्तियों के संबंध में अधिसूचना जारी की जाएगी।

कोठारी हरियाणा काडर के 1978 बैच के और जुल्का मध्य प्रदेश काडर के 1979 बैच के सेवानिवृत भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस) अधिकारी हैं। कोठारी कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) में सचिव रह चुके हैं। उन्हें नवंबर 2016 में लोक उद्यम चयन बोर्ड का अध्यक्ष भी नियुक्त किया गया था। जुल्का औद्योगिक विकास विभाग तथा वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के निदेशक, मध्य प्रदेश सरकार के जनसंपर्क आयुक्त, भारत सरकार के नागरिक उड्डयन विभाग में निदेशक व रक्षा मंत्रालय में संयुक्त सचिव (जी/एयर) आदि पदों पर सेवाएं दे चुके हैं।

जानें- क्या है सीवीसी (CVC)व सीआइसी(CIC)

केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) भ्रष्टाचार पर निगरानी रखने वाला स्वतंत्र निकाय है। इसकी मुख्य जिम्मेदारी केंद्र सरकार की गतिविधियों पर नजर रखने के साथ-साथ विभिन्न प्राधिकारों को नियोजन, क्रियान्वयन व निगरानी से संबंधित सलाह देना है। केंद्रीय सूचना आयोग का गठन सूचना का अधिकार कानून के तहत किया गया है। इसकी परिधि में सभी केंद्रीय सार्वजनिक निकाय आते हैं।


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