देश में सबको आवास मुहैया कराने के उद्देश्य से समय से पहले पूरी होगी पीएम आवास योजना
ग्रामीण क्षेत्रों में मकानों के निर्माण में भी गुणवत्ता पर पूरा जोर दिया जा रहा है। भूकंप चक्रवाती तूफान भूस्खलन और बाढ़ जैसी विभीषिका से बचाव वाले मकानों की जरूरत है।
सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली। देश में सबको आवास मुहैया कराने के उद्देश्य से चल रही प्रधानमंत्री आवास योजना को समय से पहले पूरा करने की तैयारियां तेज कर दी गई हैं। योजना की सफलता के लिए ग्रामीण विकास और शहरी आवासीय विकास मंत्रालय ने आवासीय परियोजनाओं की रफ्तार बढ़ाने की तैयारी है। इसके लिए आधुनिक टेक्नोलॉजी की मदद ली जा रही है, ताकि रियायती दर के उच्च गुणवत्ता वाले मकानों के निर्माण किये जा सकें।
कम लागत में गुणवत्ता वाले मकान
पिछले दिनों शहरी विकास मंत्रालय ने एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन कर आवासीय परियोजनाओं में वैश्विक स्तर की टेक्नोलॉजी के उपयोग पर जोर दिया था। इसमें आधुनिक टेक्नोलॉजी वाली दुनिया की लगभग दो दर्जन कंपनियों ने हिस्सा लिया था। इसी दौरान घरेलू आवासीय परियोजनाओं में हिस्सा लेने के लिए अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से पेशकश की गई। शहरी विकास सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने बताया कि टेक्नोलॉजी के उपयोग से कम लागत में गुणवत्ता वाले मकानों का निर्माण किया जा सकेगा।
2022 तक 1.20 करोड़ पक्के मकान
शहरी क्षेत्रों में वर्ष 2022 तक 1.20 करोड़ पक्के रियायती दरों के मकान बनाए जाने हैं। फिलहाल 80 लाख मकान बनाने के मसौदे को हरी झंडी मिल चुकी है, जिन पर अमल शुरु कर दिया गया है। माना जा रहा है कि यह लक्ष्य अगले साल ही पूरा कर लिया जाएगा।
शहरी क्षेत्रों में बनाये जा रहे पक्के मकानों में आधुनिक आर्किटेक्चर और उन्नत मैटीरियल का उपयोग किया जा रहा है, जिसके लिए स्कूल आफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर और बिल्डिंग मैटीरियल टेक्नोलॉजी प्रोमोशन काउंसिल की मदद ली जा रही है। शहरीकरण के होते तीब्र प्रसार के चलते देश के शहरों में मकानों की जरूरतें तेजी से बढ़ रही हैं। इसके लिए सरकारी एजेंसियों के साथ प्राइवेट एजेंसियों की सहायता लेने की योजना है।
ग्रामीण क्षेत्रों में पक्के मकान
ग्रामीण क्षेत्रों में पक्का मकान बनाने की रफ्तार पिछले पांच सालों में कई गुना बढ़ी है, जिसे और तेज किये जाने की योजना है। पिछले पांच सालों में देश में कुल 1.5 करोड़ आवासों की निर्माण किया गया है। जबकि वर्ष 2022 तक कुल 1.95 करोड़ और मकान बनाने का लक्ष्य है, जिसे प्राप्त करने के लिए निर्माण की रफ्तार को तेज करना होगा।
ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का कहना है कि देश के ग्रामीण क्षेत्रों में विविधता को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया जा रहा है, ताकि पारंपरिक मकान बनाये जा सकें। स्थानीय मैटीरियल के उपयोग के साथ वहीं के राजमिस्त्रियों को गुणवत्ता वाले मकान बनाने के लिए प्रशिक्षण का बंदोबस्त किया गया है।
ग्रामीण क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना
दरअसल, ग्रामीण क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना के मकानों के निर्माण की जिम्मेदारी लाभार्थी को ही सौंपी गई है। अब बनाये जाने वाले मकानों के साथ शौचालय, बिजली कनेक्शन, एलपीजी कनेक्शन और मनरेगा के तहत 90 दिनों का काम भी देने का प्रावधान किया गया है।
मकानों के निर्माण में गुणवत्ता पर पूरा जोर
तोमर ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में मकानों के निर्माण में भी गुणवत्ता पर पूरा जोर दिया जा रहा है। भूकंप, चक्रवाती तूफान, भूस्खलन और बाढ़ जैसी विभीषिका से बचाव वाले मकानों की जरूरत है। इसीलिए एक जैसी योजना पूरे देश में लागू करने की जगह जिला व ब्लाक विशेष के हिसाब से योजनाएं बन रही हैं। स्थानीय मैटीरियल के उपयोग से मकानों की गुणवत्ता बढ़ जाएगी।