मंत्री बनाएं सौ दिन का एजेंडा व राज्यों की मांगो को दें वरीयता: पीएम
सत्ता की बागडोर संभालने के बाद नरेंद्र मोदी ने तेजी से व्यवस्था दुरुस्त करने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। पीएम ने अपने मंत्रियों को 100 दिन का टाइम-टेबल बनाने को कहा है। बृहस्पतिवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की दूसरी बैठक में उन्होंने सभी मंत्रियों को अपने मंत्रालयों में प्राथमिकताओं के आधार पर सौ दिनों के भीतर पूरे ि
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सत्ता की बागडोर संभालने के बाद नरेंद्र मोदी ने तेजी से व्यवस्था दुरुस्त करने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। पीएम ने अपने मंत्रियों को 100 दिन का टाइम-टेबल बनाने को कहा है। बृहस्पतिवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की दूसरी बैठक में उन्होंने सभी मंत्रियों को अपने मंत्रालयों में प्राथमिकताओं के आधार पर सौ दिनों के भीतर पूरे किए जाने वाले कार्यो की फेहरिस्त तय करने की हिदायत दी। साथ ही राज्य मंत्रियों को भी अहमियत देने के निर्देश दिए।
कैबिनेट बैठक के बाद शहरी विकास एवं संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा, 'प्रधानमंत्री इस टाइम-टेबल के सिलसिले में सभी मंत्रियों व विभागीय सचिवों से अलग से भी मिलेंगे। मंत्रिमंडलीय सहयोगियों को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा, मंत्रालय का कार्यभार संभालने के बाद सभी मंत्री अपने यहां लंबित मामलों को प्राथमिकता की कसौटी पर कसें। विभिन्न महकमों में अटकी जनहित योजनाएं जल्द क्रियान्वित की जाएं।'
गुजरात के सीएम से लेकर पीएम तक के सफर में संघीय ढांचे व उसकी भावना के प्रबल पैरोकार मोदी ने राज्यों की ओर से आने वाली मांगों को वरीयता के आधार पर हल करने की वकालत की। राज्यों से आने वाले पत्रों व सुझावों को गंभीरता से लेने की हिदायत दी। साथ ही सांसदों और आम जनता की ओर से आने वाले सुझावों को भी पूरी तवज्जो के साथ सुलझाने को कहा।
नायडू के मुताबिक पीएम ने सभी केंद्रीय मंत्रियों से अपने सहयोगी राज्य मंत्रियों को भी उचित जिम्मेदारी देने को कहा। उल्लेखनीय है कि मंत्रालयों में राज्य मंत्रियों का कार्यविभाजन बीते काफी समय से अंदरूनी असंतोष का सबब रहा है। पिछली राजग सरकार में भी प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी को सभी मंत्रियों को कनिष्ठ मंत्रियों को काम बांटने की हिदायत देनी पड़ी थी। संप्रग सरकार में भी राज्य मंत्री काम नहीं दिए जाने की शिकायत प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के समक्ष उठाते रहे थे। प्रधानमंत्री ने संकेत दिए हैं कि वह सभी मंत्रालयों और विभागों से उनके कामकाज पर विस्तृत ब्योरा लेना जल्द ही शुरू करेंगे। विभिन्न मंत्रालयों से उनकी समस्याओं और जरूरतों के संबंध में भी वह जानकारी लेंगे।
*****
सरकार में सबसे अहम है कि काम हो और योजनाओं का उचित क्रियान्वयन किया जाए। यही सुशासन का मंत्र है। -नरेंद्र मोदी