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वायुसेना कर्मियों से जियोमी का फोन इस्तेमाल न करने की एडवाइजरी जारी

भारतीय वायुसेना (आइएएफ) ने अपने कर्मियों और उनके परिवार वालों को कहा है कि वे चीन निर्मित 'जियोमी रेडमी 1एस' फोनों का इस्तेमाल न करें। ऐसा इस आधार पर कहा गया है कि इससे फोन का डाटा कथित रूप से चीन स्थित उसके सर्वरों में स्थानांतरित हो जाता है और इससे सुरक्षा को खतरा हो सकता है। हालांकि कं

By Kamal VermaEdited By: Published: Sat, 25 Oct 2014 09:01 AM (IST)Updated: Sat, 25 Oct 2014 09:02 AM (IST)
वायुसेना कर्मियों से जियोमी का फोन इस्तेमाल न करने की एडवाइजरी जारी

नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना (आइएएफ) ने अपने कर्मियों और उनके परिवार वालों को कहा है कि वे चीन निर्मित 'जियोमी रेडमी 1एस' फोनों का इस्तेमाल न करें। ऐसा इस आधार पर कहा गया है कि इससे फोन का डाटा कथित रूप से चीन स्थित उसके सर्वरों में स्थानांतरित हो जाता है और इससे सुरक्षा को खतरा हो सकता है। हालांकि कंपनी ने इस आरोप का खंडन किया है।

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आइएएफ ने अपने कर्मियों को जारी एडवाइजरी में कहा है कि प्रमुख सुरक्षा समाधान कंपनी एफ-सिक्योर ने हाल में कंपनी के सस्ते स्मार्टफोन जियोमी रेडमी 1एस का परीक्षण किया है। इसमें पाया गया कि फोन इसके इस्तेमाल करने वाले का नाम, फोन नंबर, फोन की पहचान करने वाला आएमईआइ नंबर आदि के टेक्स्ट संदेश एड्रेस बुक से बीजिंग भेजता है।

यह नोट कुछ हफ्ते पहले जारी हुआ था। इसे खुफिया इकाई ने भारतीय कंप्यूटर इमरजेंसी रेस्पांस टीम (सीईआरटी-इन) से प्राप्त जानकारी के आधार पर तैयार किया था। फोन निर्माता कंपनी ने एक बयान में कहा कि हालांकि आइएएफ की एडवाइजरी की उसे पूरी जानकारी नहीं है लेकिन यह माना जा रहा है कि यह एडवाइजरी करीब दो माह पहले जारी की गई थी जब हमारी क्लाउड संदेश सेवा स्वत: चालू हो जाती थी। कंपनी का कहना है कि उसने एफ-सिक्योर द्वारा व्यक्त की गई चिंता का तत्काल निवारण कर दिया।

अब सभी उपभोक्ताओं को क्लाउड सर्विस खुद एक्टिवेट करने होंगे। उनके पास यह सेवा कभी किसी समयं बंद कर देने की भी सुविधा रहेगी। हालांकि आइएएफ का यह पत्र बाद के दिनों में जारी हुआ। इसमें एफ-सिक्योर द्वारा व्यक्त की गई चिंता के अलावा और कई चीजों की विस्तार से चर्चा की गई है।

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