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Indian Railways: 16 साल के बच्चे की याचिका पर NGT सख्त, ट्रेनों में बंद हो सकता है प्लास्टिक की बोतल

एनजीटी ने सोलह साल के लड़के की याचिका पर सीपीसीबी से मांगी रिपोर्ट आइआरसीटीसी कोका कोला पेप्सीको के कचरा वापस लेने तक रोक की मांग।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Thu, 30 Jan 2020 10:24 PM (IST)Updated: Fri, 31 Jan 2020 02:25 AM (IST)
Indian Railways: 16 साल के बच्चे की याचिका पर NGT सख्त, ट्रेनों में बंद हो सकता है प्लास्टिक की बोतल
Indian Railways: 16 साल के बच्चे की याचिका पर NGT सख्त, ट्रेनों में बंद हो सकता है प्लास्टिक की बोतल

नई दिल्ली, प्रेट्र। ट्रेनों में आइआरसीटीसी, कोका कोला, पेप्सीको, पतंजलि और अन्य कंपनियों द्वारा पीईटी प्लास्टिक की बोतल में पानी व अन्य पेय पदार्थो की बिक्री रोकने की मांग की गई है। 16 साल के बच्चे ने इस संबंध में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में याचिका दायर कर कहा है कि जब तक ये कंपनियां अपने प्लास्टिक के कचरे को वापस लेना शुरू नहीं कर देती हैं तब यह रोक लगाई जाए। एनजीटी ने इस पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) से रिपोर्ट देने को कहा है।

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पीईटी एक तरह का थर्मोप्लास्टिक पॉलीमायर होता है जिसमें पॉलीस्टर की मात्रा भी मिली होती है। भारत में निकलने वाले कुल प्लास्टिक कचरे में पीईटी बोतल 10 फीसद होते हैं।

पेय पदार्थ से भरा पीईटी बोतल गरम होने पर विषाक्त पदार्थ पैदा करता है, जिससे उल्टी और पेट में घाव का खतरा रहता है। 16 वर्षीय आदित्य दूबे ने याचिका में आरोप लगाया है कि पीईटी बोतल से पैदा होने वाले प्लास्टिक कचरे से आम लोगों के जीवन और पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है।

एनजीटी के चेयरमैन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने सीपीसीबी से याचिका पर अगली सुनवाई से पहले कार्रवाई रिपोर्ट जमा करने को कहा है। 20 अप्रैल को अगली सुनवाई होगी।

बता दें कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत रेलवे बोर्ड कई स्टेशनों पर सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। वहीं प्लास्टिक की पानी की बोतलों को नष्ट करने के लिए क्रशिंग मशीन लगाई जाएगी। इसके लिए रेलवे अधिकारियों ने तैयारी शुरू कर दी है।

रेलवे स्टेशन और बाजारों में बिकने वाली पानी की बोतलों का उपयोग करने के बाद यात्री उनको प्लेटफार्म, रेलवे स्टेशन परिसर अथवा ट्रैक पर फेंक देते हैं। जिससे रेलवे परिसर में गंदगी रहती है। लेकिन प्लास्टिक की बोतलों को नष्ट करने के लिए स्टेशनों पर क्रशिंग मशीनों को लगवाया जाएगा। वहीं सिंगल यूज प्लास्टिक पर भी रेलवे अधिकारियों ने पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। अब रेलवे परिसर के अंदर कहीं भी सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग नहीं किया जाएगा।


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