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यदि आप भी पहाड़ों में घूमने का बना रहे हैं प्लान, तो पहले जान लें वहां के ट्रैफिक हालात

मसूरी नैनीताल या फिर मनाली हर जगह सिर्फ जाम है। वहीं दूसरी ओर अगर आप जाम से जूझते हुए पहुंच भी गए तो होटल और कमरे खाली नहीं हैं।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Mon, 10 Jun 2019 11:31 PM (IST)Updated: Mon, 10 Jun 2019 11:31 PM (IST)
यदि आप भी पहाड़ों में घूमने का बना रहे हैं प्लान, तो पहले जान लें वहां के ट्रैफिक हालात
यदि आप भी पहाड़ों में घूमने का बना रहे हैं प्लान, तो पहले जान लें वहां के ट्रैफिक हालात

नई दिल्ली, जेएनएन। उत्तर भारत में गर्मी अपने चरम पर है। ऐसे में मैदानी इलाकों के लोग गर्मी से बचने के लिए पहाड़ों का रुख कर रहे हैं। ऐसे में अगर आप भी उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश की वादियों की ठंडक में जाने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो अपने प्लान की डेट थोड़ी आगे-पीछे कर लीजिए। क्योंकि फिलहाल तो सभी हिल स्टेशनों पर कई-कई किलोमीटर लंबा जाम लगा है।

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मसूरी, नैनीताल या फिर मनाली हर जगह सिर्फ जाम है। वहीं, दूसरी ओर अगर आप जाम से जूझते हुए पहुंच भी गए तो होटल और कमरे खाली नहीं हैं। यह हाल सिर्फ हिल स्टेशनों का नहीं है बल्कि चारधाम यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालु भी परेशान हैं।

हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जन्मेंजय खंडूड़ी के अनुसार हरिद्वार से प्रतिदिन 80 हजार से ज्यादा वाहन हरिद्वार से गुजर रहे हैं। सड़कों पर अतिरिक्त पुलिस फोर्स भी उतारी गई है, लेकिन पर्यटकों को औसतन चार से पांच घंटे जाम में फंसना पड़ रहा है। यह नजारा सिर्फ हरिद्वार का ही नहीं, ऋषिकेश, मसूरी, देहरादून, रुद्रप्रयाग, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के साथ ही नैनीताल का भी है। प्रतिदिन चारों धाम के साथ ही मसूरी और नैनीताल आने वाले यात्रियों की संख्या एक लाख से ज्यादा है। ऐसे में चार धाम यात्रा का प्रवेश द्वार होने के कारण ऋषिकेश में दबाव बना हुआ है।

छोटे वाहनों ने बढ़ाई दिक्कत
उत्तरकाशी के जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान के अनुसार जाम का एक बड़ा कारण छोटे वाहनों की बढ़ती संख्या भी है। उन्होंने बताया कि गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट सात मई को खाले गए थे। तब से अब तक दोनों धामों में 51 हजार 480 छोटे वाहन पहुंच चुके हैं, जबकि बड़े वाहनों की संख्या 12210 है। वहीं, पिछले पूरे सीजन में छोटे वाहनों की संख्या 56 हजार 291 और बडे़ वाहन 19333 थे।

पर्यटकों को ठहराने के इंतजाम भी नाकाफी
सैलानियों के सैलाब के आगे प्रदेश में यातायात व्यवस्था के साथ पर्यटकों को ठहराने के इंतजाम भी बौने साबित हो रहे हैं। यह स्थिति विशेषकर मसूरी और बदरीनाथ के प्रमुख पड़ाव जोशीमठ में ज्यादा है। बीते गुरुवार से रविवार तक मसूरी आने वाले पर्यटकों की संख्या प्रतिदिन 15000 के करीब रही। नतीजतन वहां ठहरने के इंतजाम कम पड़ गए। मसूरी में होटल और लॉज की संख्या चार सौ के आसपास है, जबकि करीब 200 होटल और लॉज आसपास के इलाकों में भी हैं, लेकिन यह सभी पूरी तरह से पैक हैं। ऐसे में कई पर्यटकों ने सड़कों पर ही रात गुजारी। हालांकि अब हालात कुछ ठीक हैं। ऐसे में जरूरी है कि आप बिना एडवांस बुकिंग कराए कहीं घूमने न जाएं।

स्कूलों में ठहराए गए यात्री
इन दिनों प्रतिदिन 40 हजार से ज्यादा श्रद्धालु बदरीनाथ धाम और हेमकुंड साहिब की यात्रा पर हैं। जाहिर है कि इससे जोशीमठ में स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई। ऐसे में प्रशासन ने सरकारी स्कूल में यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था की है।

नैनीताल में क्षमता से दोगुने अधिक पर्यटक 
सरोवर नगरी में नैनीताल में पर्यटन सीजन चरम पर है। शहर में पर्यटकों की तादाद क्षमता से दोगुनी पहुंच गई है। नैनीताल में करीब पांच सौ होटल और गेस्टहाउस हैं। इनमें करीब 20 हजार पर्यटक ठहर सकते हैं, लेकिन इन दिनों शहर में यह तादाद 25 से तीस हजार के बीच है। ऐसे में पर्यटक सैलानी भीमताल, मुक्तेश्वर, कौसानी, मुनस्यारी की ओर रुख कर रहा है। इन स्थानों पर अभी जाम की बड़ी समस्या नहीं है।

मनाली में घूमने से ज्यादा समय जाम में बीता
हिमाचल के कुल्लू-मनाली का रुख कर रहे पर्यटकों को गर्मी से राहत कम मिली है और जाम से ज्यादा परेशानी हो रही है। जाम भी ऐसा कि 100 किलोमीटर के रास्ते को तय करने में 15 से 20 घंटे का समय लग रहा है। प्रशासन के प्रयास भी नाकाफी साबित हो रहे हैं, जिससे पर्यटकों का घूमने से ज्यादा समय जाम में बीत रहा है। पर्यटकों को बच्चों के साथ गर्मी में परेशान होना पड़ रहा है।

चार धाम में पार्किंग क्षमता

  • गंगोत्री के आसपास    -  600   वाहन
  • यमुनोत्री के आसपास -  540    वाहन
  • केदारनाथ क्षेत्र          -  1500  वाहन
  • बदरीनाथ क्षेत्र          -   1200  वाहन

चार धाम में होटल, आश्रम, धर्मशालाओं की संख्या

  • गंगोत्री आसपास-      560
  • यमुनोत्री आसपास -  350
  • केदारनाथ आसपास- 1500
  • बदरीनाथ आसपास-  700

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