स्विस बैंकों में जमा भारतीयों के धन में बढ़ोतरी पर बोले वित्त मंत्री, सारा जमा पैसा कालाधन कैसे
गुरुवार को आई स्विस नेशनल बैंक (एसबीएन) की रिपोर्ट के अनुसार 2017 में भारतीयों का जमा 50 फीसद बढ़कर 1.01 अरब फ्रेंक यानी 7 हजार करोड़ रुपए हो गया है
नई दिल्ली(एजेंसी)। कालेधन पर देश-विदेशों में कार्रवाई के दावों के उलट स्विस बैंकों में भारतीयों के जमा धन में 50 फीसदी बढ़ोतरी से केंद्र सरकार घिर गई है। वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने हैरानी जताते हुए कहा कि इन बैंकों में जमा सारा पैसा कालाधन कैसे हो सकता है? हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी ने गलत कार्य किया तो उस पर सख्त कार्रवाई होगी। उधर कांग्रेस ने सरकार पर तंज किया।
गुरुवार को आई स्विस नेशनल बैंक (एसबीएन) की रिपोर्ट के अनुसार 2017 में भारतीयों का जमा 50 फीसद बढ़कर 1.01 अरब फ्रेंक यानी 7 हजार करोड़ रुपए हो गया है, जबकि उसके पिछले तीन सालों में इसमें लगातार गिरावट आई थी। जमा बढ़ने से आशंका है कि देश का कालाधन फिर वहां जमा कराया गया है। इस मामले में वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को सरकार की ओर से सफाई दी।
हालांकि उन्होंने कहा है कि इस मामले में कालेधन या अवैध लेन-देन का अनुमान लगाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने हैरानी जताई कि वहां सारा जमा कालाधन कैसे हो सकता है? स्विस बैंक की रिपोर्ट पर उन्होंने कहा कि अनुमान लगाने की जरूरत नहीं है। 1 जनवरी 2018 से वित्त वर्ष के खत्म होने तक का सारा डेटा हमारे पास आ जाएगा।
40 फीसद पैसा एलआरएस से गया
गोयल ने कहा कि अभी यह कैसे अनुमान लगाया जा सकता है कि स्विस बैंकों में जमा सारा पैसा कालाधन है या अवैध लेन--देन है? मीडिया रिपोर्ट के हवाले से कहा कि इसमें से करीब 40 फीसदी राशि रुपया बाहर भेजने की उदार योजना (लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम-एलआरएस) की वजह से वहां पहुंची है। एलआरएस योजना पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के कार्यकाल में लागू हुई थी। इसमें कोई भी व्यक्ति 2.50 लाख डॉलर तक बाहर भेज सकता है। फिर भी यदि कोई दोषी पाया गया तो उस पर कार्रवाई होगी।