मध्यप्रदेश कांग्रेस के दफ्तर में लगी संजय गांधी की फोटो भी
कमल नाथ ने दोस्ती को संजय गांधी के अंतिम दिन तक निभाया और उनके निधन के बाद इंदिरा परिवार को आज तक नहीं छोड़ा।
भोपाल, नई दुनिया, स्टेट ब्यूरो। कहते हैं व्यक्ति बचपन और खासकर स्कूल के दोस्तों को कभी नहीं भूलता। कोई अभिन्न मित्र दुनिया से ही चला जाए तो भी सच्चा दोस्त उसकी स्मृति को बनाए रखने के मौके ढूंढता रहता है। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी के पुत्र संजय गांधी के स्कूल के दिनों के मित्र कमल नाथ को गांधी परिवार के तीसरे बेटे के रूप में पहचान मिली। उस मित्र की यादों को साथ रखने के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनते ही नाथ ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में 'संजय' की एंट्री करा ली।
संजय गांधी की एक ऐसी तस्वीर तैयार कराई, जिसमें गांधी परिवार के तीन अन्य सदस्य भी मौजूद हैं। इंदिरा गांधी के छोटे पुत्र संजय गांधी के साथ दून स्कूल में नाथ भी प़़ढा करते थे। स्कूल में दोनों की दोस्ती मशहूर थी। नाथ 22 साल की उम्र में कांग्रेस में आए और संजय के साथ सफर आगे ब़़ढाया। गैर कांग्रेसी सरकार के समय संजय गांधी जब जेल गए तो नाटकीय अंदाज में नाथ भी जेल में बंदी के रूप में पहुंच गए और उनके साथ जेल में रहे। तब यह कहा जाता था कि इंदिरा गांधी के दो हाथ--संजय गांधी, कमलनाथ।
नाथ ने इस दोस्ती को संजय गांधी के अंतिम दिन तक निभाया और उनके निधन के बाद इंदिरा परिवार को आज तक नहीं छोड़ा। वे देश के उन चुनिंदा कांग्रेस नेताओं में से हैं जिन्होंने इंदिरा गांधी, संजय गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी के साथ तो काम किया ही, अब राहुल गांधी के साथ भी कर रहे हैं। संजय गांधी की दोस्ती और उनकी यादों को वे भुला नहीं पाए हैं। यही वजह है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने सबसे पहला परिवर्तन संजय गांधी की कार्यालय में मौजूदगी दर्ज कराकर किया।
पहले जहां प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी, राहुल गांधी की तस्वीरें दिखाई देती थीं, अब संजय गांधी को भी इनमें शामिल कर लिया है। तीसरी मंजिल पर अध्यक्ष कक्ष और साथ में बने सभाकक्ष में इंदिरा गांधी के परिवार के चार सदस्यों संजय, राजीव, सोनिया और राहुल गांधी की संयुक्त तस्वीर लगा दी गई हैं। दोनों जगह एक जैसी तस्वीर ही लगाई गई है।
मेरे पारिवारिक रिश्ते राजनीति की शुरआत मैंने संजय गांधी के साथ की थी। गांधी परिवार के साथ मेरे पारिवारिक रिश्ते हैं। इस परिवार ने सदैव देश के विकास, भाईचारे और लोगों को जोड़ने की राजनीति की है। कभी सत्ता के पीछे नहीं भागे।
-- कमल नाथ, अध्यक्ष, मप्र कांग्रेस
1975 में युवा कांग्रेस का मैं प्रदेश अध्यक्ष था तब संजय गांधी के साथ काम का मौका मिला। वे निर्भीक ढंग से निर्णय लेते थे। उन्होंने फैसलों में हमेशा देश हित को सामने रखा। उन्होंने कांग्रेस को 1980 में दोबारा में सत्ता में लाने के लिए लाठियां खाई, जेल में गए। उनकी तस्वीर लगाना स्वागत योग्य है।
- रामेश्वर नीखरा, पूर्व सांसद