दवा कंपनियों ने हाई कोर्ट में कहा, डाक्टरों को दवाओं का दिया गया सैंपल; फ्रीबीज नहीं
याचिका में दावा किया गया कि डाक्टरों को दवाओं के मुफ्त सैंपल सिर्फ दवाओं के प्रभाव को साबित करने और दवाओं की गुणवत्ता में डाक्टरों का भरोसा कायम करने के लिए दिए जाते हैं। इन्हें अपने उत्पादों का प्रमोशन या डाक्टरों को दिए जाने वाले उपहार नहीं माना जा सकता।
बेंगलुरु, प्रेट्र। कर्नाटक ड्रग्स एंड फार्मास्यूटिकल्स एसोसिएशन और अन्य फार्मास्यूटिकल (दवा) कंपनियों ने हाई कोर्ट में दावा किया है कि डाक्टरों को दिए जाने वाले दवाओं के सैंपल उपहारों (फ्रीबीज) में शुमार नहीं होते हैं। उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा 16 जून, 2022 को जारी उस सर्कुलर को चुनौती दी है जिसमें डाक्टरों को दिए जाने वाले दवाओं के मुफ्त सैंपलों के मूल्य पर दवा कंपनियों को 10 प्रतिशत टीडीएस (स्त्रोत पर कर कटौती) काटने का निर्देश दिया गया था।
याचिका में किया गया दावा
याचिका में दावा किया गया है कि डाक्टरों को दवाओं के मुफ्त सैंपल सिर्फ दवाओं के प्रभाव को साबित करने और दवाओं की गुणवत्ता में डाक्टरों का भरोसा कायम करने के लिए दिए जाते हैं।
इन्हें अपने उत्पादों का प्रमोशन या डाक्टरों को दिए जाने वाले उपहार नहीं माना जा सकता। याचिका पर प्रतिवादियों को नोटिस जारी करते हुए प्रभारी मुख्य न्यायाधीश अशोक अराधे की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनवाई स्थगित कर दी
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