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पेट्रोलियम मंत्री ने कहा- सस्ते क्रूड के लिए विएना सम्मेलन में ओपेक देशों पर दबाव बनाएगा भारत

कच्चे तेल की कीमतों को उचित स्तर पर रखने का मुद्दा भारत सरकार विएना में होने जा रहे ओपेक देशों के सम्मेलन में भी उठाएगी।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 18 Jun 2018 11:32 PM (IST)Updated: Mon, 18 Jun 2018 11:32 PM (IST)
पेट्रोलियम मंत्री ने कहा- सस्ते क्रूड के लिए विएना सम्मेलन में ओपेक देशों पर दबाव बनाएगा भारत
पेट्रोलियम मंत्री ने कहा- सस्ते क्रूड के लिए विएना सम्मेलन में ओपेक देशों पर दबाव बनाएगा भारत

नई दिल्ली, प्रेट्र। कच्चे तेल की कीमतों को उचित स्तर पर रखने का मुद्दा भारत सरकार विएना में होने जा रहे ओपेक देशों के सम्मेलन में भी उठाएगी। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने सोमवार को यह बात कही। ओपेक देशों का सम्मेलन 19-20 जून को होगा।

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- विएना में ओपेक देशों के सम्मेलन में हिस्सा लेंगे पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान

- कीमतें तय करने में खरीदार देशों के हितों का भी ध्यान रखने की वकालत

प्रधान ने कहा, 'यह सम्मेलन ऐसे समय में होने जा रहा है, जबकि कच्चे तेल की कीमतें 2014 के बाद के उच्च स्तर पर चल रही हैं। ओपेक देशों के साथ भारत का संबंध इसलिए महत्वपूर्ण है कि क्योंकि भारत करीब 82 फीसद क्रूड, 75 फीसद प्राकृतिक गैस और 97 फीसद एलपीजी का आयात ओपेक के सदस्य देशों से करता है।'

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की बढ़ी कीमतों को लेकर भारत की चिंता से अवगत कराने के लिए प्रधान ने पिछले हफ्ते यहां ओपेक देशों के राजदूतों से मुलाकात की थी। इस बीच उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कच्चे तेल की कीमत तय करते समय उत्पादकों के साथ-साथ खरीदार देशों के हितों का भी ध्यान रखा जाए। प्रधान का कहना है कि बाजार इन ऊंची कीमतों का समर्थन नहीं करता। कच्चे तेल की कीमतें वाजिब होनी चाहिए।

विएना में होने जा रहे सम्मेलन में सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, ईरान समेत सभी ओपेक देशों और रूस, चीन व ओमान के ऊर्जा मंत्री उपस्थित रहेंगे। सम्मेलन के बाद प्रधान 21-22 जून को जर्मनी के दौरे पर रहेंगे।

ओपेक देशों की ओर से उत्पादन में कटौती के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उछाल का सीधा असर भारत पर दिखा है। महंगे क्रूड के कारण पिछले महीने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में प्रति लीटर क्रमश: 3.8 रुपये और 3.38 रुपये की वृद्धि हुई थी। हालांकि पिछले तीन हफ्ते से कच्चे तेल की कीमतों में सुधार होने से पेट्रोल-डीजल की कीमतें नियंत्रित हुई हैं।


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