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पेट्रोल 50 पैसे तो डीजल 46 पैसे हुआ सस्‍ता, नई दरें आधी रात से लागू

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में कमी का बहुत थोड़ा फायदा ही आम जनता को मिलेगा। इसका बड़ा फायदा केंद्र सरकार को मिलेगा। यही वजह है कि पिछले एक पखवाड़े में क्रूड की कीमतों में 12 फीसद तक की कमी होने के बावजूद देश में पेट्रोल की कीमत

By anand rajEdited By: Published: Tue, 15 Dec 2015 07:11 PM (IST)Updated: Wed, 16 Dec 2015 10:42 AM (IST)
पेट्रोल 50 पैसे तो डीजल 46 पैसे हुआ सस्‍ता, नई दरें आधी रात से लागू

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में कमी का बहुत थोड़ा फायदा ही आम जनता को मिलेगा। इसका बड़ा फायदा केंद्र सरकार को मिलेगा। यही वजह है कि पिछले एक पखवाड़े में क्रूड की कीमतों में 12 फीसद तक की कमी होने के बावजूद देश में पेट्रोल की कीमत महज 50 पैसे और डीजल की कीमत 46 पैसे प्रति लीटर घटाये गये हैं।

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तेल कंपनियों की तरफ से भेजी गई सूचना के मुताबिक दिल्ली में पेट्रोल की कीमत मंगलवार रात से 59.98 रुपये प्रति लीटर होगी। डीजल 46 पैसे सस्ता हो कर 46.09 रुपये प्रति लीटर पर हो जाएगा। सरकारी सूत्रों के मुताबिक वित्त मंत्रालय के स्तर पर पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क की दर में एक और बढ़ोतरी का फैसला हो चुका है।

दरअसल, सरकार के लिए सस्ते क्रूड ने खजाने को भरने का एक मौका दिया है। खास तौर पर तब जब महंगाई की दर को लेकर सरकार के समक्ष कोई चुनौती नहीं है तो वह इस मौके का फायदा पेट्रोल व डीजल पर उत्पाद शुल्क में एक और बढ़ोतरी कर उठाने की मंशा रखती है। पहले भी इन दोनों उत्पादों पर पांच बार उत्पाद शुल्क बढ़ाये जा चुके हैं।

जब राजग सरकार केंद्र में आई थी तब पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क की दर 9.48 रुपये प्रति लीटर था आज यह 19.06 रुपये है। डीजल पर उत्पाद शुल्क की दर 3.65 रुपये से बढ़ कर 10.66 पैसे प्रति लीटर हो चुकी है। इसके अलावा कई राज्यों ने भी स्थानीय बिक्री कर की दर बढ़ाया है जिसकी वजह से सस्ते क्रूड का पूरा फायदा जनता को नहीं मिल पा रहा है।

अगर पूरी स्थिति की आकलन की जाए तो पिछले डेढ़ वर्षो में क्रूड की कीमतों में 70 फीसद की गिरावट होने के बावजूद पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में महज 20 फीसद की कमी की गई है। इसके पीछे असली वजह यही है कि केंद्र व राज्य सरकारों की तरफ से इन दोनों उत्पादों पर जम कर टैक्स की दरों को बढ़ाया गया है।

मोटे तौर पर अभी एक आम ग्राहक क्रूड के लिए जो भुगतान करता है उसका 60 फीसद तक हिस्सा सरकार के खजाने में बतौर कर चला जा रहा है। हालांकि इस दौरान डॉलर के मुकाबले रुपये भी कमजोर हुआ है जो पेट्रोल डीजल की कीमतों को काफी प्रभावित करता है।


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