फिर महंगा हो सकता है पेट्रोल
बीते एक महीने के दौरान पेट्रोल के दामों में दो बार राहत देने के बाद तेल कंपनियां इस हफ्ते हल्का झटका दे सकती हैं। सरकारी तेल मार्केटिंग कंपनियों को अगर इजाजत मिली तो पेट्रोल की कीमत 65 पैसे प्रति लीटर बढ़ जाएगी।
नई दिल्ली। बीते एक महीने के दौरान पेट्रोल के दामों में दो बार राहत देने के बाद तेल कंपनियां इस हफ्ते हल्का झटका दे सकती हैं। सरकारी तेल मार्केटिंग कंपनियों को अगर इजाजत मिली तो पेट्रोल की कीमत 65 पैसे प्रति लीटर बढ़ जाएगी। एक तेल कंपनी के अधिकारी ने बताया डॉलर के मुकाबले रुपया 53.72 के स्तर पर पहुंचने के कारण कच्चे तेल का आयात महंगा हो गया है। इससे पेट्रोल की बिक्री पर कंपनियों प्रति लीटर 0.55 से 0.56 रुपये का घाटा (अंडर रिकवरी) हो रहा है। बिक्री कर जोड़ने के बाद दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 65 से 66 पैसे प्रति लीटर बढ़ाने की जरूरत है।
इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड के दाम कम होने के बाद बीते एक माह में पेट्रोल की कीमत दो बार घटाई है। तीनों कंपनियों ने 16 नवंबर से पेट्रोल की कीमत में 2.22 रुपये प्रति लीटर यानी 3.2 फीसदी की कटौती की। इसके बाद एक दिसंबर तो 0.78 पैसे प्रति लीटर की कमी की गई।
सूत्रों ने यह नहीं बताया कि तेल कंपनियां आम तौर पर पाक्षिक आधार पर दरों में बदलाव की प्रणाली के अनुरूप गुरुवार से अपनी कीमत बढ़ाएंगी या नहीं। उन्होंने कहा, 'हमें वास्तविक तौर पर सिर्फ 50-55 पैसे का नुकसान हो रहा है। जरूरत पड़ी तो अगले 15 दिन तक और झेल सकते हैं।' फिलहाल अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड के भाव 110 डॉलर से नीचे चल रहे हैं। सरकारी तेल कंपनिया हर महीने की पहली और 16 तारीख को पिछले पखवाड़े के अंतरराष्ट्रीय क्रूड मूल्यों के आधार पर पेट्रोल की कीमत में बदलाव करती हैं। कंपनिया कीमत में किसी बदलाव से पहले अनौपचारिक तौर पर पेट्रोलियम मंत्रालय से परामर्श कर सकती हैं। संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है। पेट्रोल की कीमत में बढ़ोतरी करने पर सरकार को विपक्षी दलों के भारी विरोध का सामना पड़ सकता है। इसलिए यह भी संभव है कि पेट्रोल मूल्यों में यह बढ़ोतरी संसद सत्र समाप्त होने के बाद की जाए। संसद सत्र का समापन 21 दिसंबर को हो रहा है।
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