सेंट्रल विस्टा को लेकर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में 17 जुलाई को होगी सुनवाई
न्यायमूर्ति एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ इन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। इनमें दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर एक याचिका भी शामिल है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि वह सेंट्रल विस्टा परियोजना को लेकर मुद्दे उठाने वाली याचिकाओं पर 17 जुलाई को सुनवाई करेगा। यह परियोजना लुटियंस दिल्ली में राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर के दायरे में है। न्यायमूर्ति एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ इन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। इनमें दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर एक याचिका भी शामिल है।
इसमें कहा गया था कि दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) को सेंट्रल विस्टा परियोजना को अनुमति देने के लिए मास्टर प्लान में परिवर्तनों को अधिसूचित करने से पहले उसको सूचित करने की जरूरत नहीं थी। शीर्ष अदालत ने 19 जून को कहा था कि केंद्र सरकार की परियोजना के लिए अधिकारियों द्वारा जमीनी स्तर पर किए गए कोई भी बदलाव उनके अपने जोखिम पर होगा।
किसी नियम का नहीं किया गया उल्लंघन
अदालत को पहले बताया गया था कि इसको लेकर दो अधिसूचनाएं जारी की गई हैं-पहली भूमि उपयोग परिवर्तन से संबंधित और दूसरी परियोजना को पर्यावरणीय मंजूरी देने से संबंधित। केंद्र की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत को बताया कि परियोजना को जरूरी मंजूरी देने में किसी नियम का उल्लंघन नहीं किया गया है।
बता दें कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट में संसद भवन, राष्ट्रपति भवन, उत्तर और दक्षिण ब्लॉक की इमारतें, जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों और इंडिया गेट जैसी प्रतिष्ठित इमारतें है। केंद्र सरकार एक नया संसद भवन, एक नया आवासीय परिसर बनाकर उसका पुनर्विकास करने का प्रस्ताव कर रही है जिसमें प्रधानमंत्री और उपराष्ट्रपति के अलावा कई नए कार्यालय भवन होंगे।