वन रैंक वन पेंशन पर सुप्रीमकोर्ट में याचिका
एसोसिएशन आफ एक्स सर्विसमैन ने सुप्रीम कोर्ट में वनरैंक वन पेंशन मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की ।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वन रैंक बन पेंशन का मामला सुप्रीमकोर्ट पहुंच गया है। एसोसिएशन आफ एक्स सर्विसमैन ने सुप्रीमकोर्ट में याचिका दाखिल कर सरकार द्वारा घोषित वन रैंक वन पेंशन योजना पर असंतुष्टि जताई है।
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याचिकाकर्ताओं का कहना है कि सरकार द्वारा लागू की गई वन रैंक वन पेंशन योजना कोश्यारी कमेटी की सिफारिशों पर आधारित नहीं है। सरकार ने योजना लागू करते समय कोश्यारी कमेटी की सिफारिशों को नरम कर दिया है। कमेटी की सिफारिशों को पूरी तरह नहीं माना गया है। याचिका में मांग की गई है कि वन रैंक पन पेंशन योजना कोश्यारी कमेटी की सिफारिशों के आधार पर लागू की जाए। यह याचिका अभी सिर्फ दाखिल हुई हुई है सुनवाई पर नहीं आयी है।
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सेना में लंबे समय से वन रैंक वन पेंशन लागू करने की मांग चल रही है। यूपीए सरकार ने 2014 में संसद में वन रैंक वन पेंशन स्कीम लागू करने की घोषणा की थी लेकिन योजना लागू नहीं की। इसके बाद मोदी सरकार सत्ता में आयी मोदी सरकार ने भी वन रैंक वन पेंशन लागू करने का वादा किया था और अपना वादा निभाते हुए सरकार ने वन रैंक वन पेंशन योजना लागू भी कर दी है। हालांकि कुछ वर्ग अभी भी असंतुष्ट है जिसमें याचिकाकर्ता भी हैं।
वन रैंक वन पेंशन की लड़ाई लड़ रहे इंडियन एक्स सर्विसमैन मूवमेंट के चेयरमैन लेफ्टीनेंट जनरल राज कादियान कहते हैं कि सरकार ने योजना लागू कर दी है और ज्यादातर लोग खुश हैं हालांकि अभी भी दस पंद्रह फीसद कमियां हैं जिसे वे सरकार के साथ बातचीत के जरिये सुलझाना चाहते हैं। लागू योजना में कोश्यारी कमेटी की सिफारिशों को पूरी तरह लागू नहीं किया गया। इसमें कुछ अंतर हैं। दिसंबर 2011 में कोश्यारी कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दी थी जिसमें वन रैंक वन पेंशन की सिफारिश की थी। कमेटी ने कहा था कि रैंक और सेवा अवधि बराबर होने पर पुराने पेंशनर्स की पेंशन नये के बराबर की जाए और जब कभी नये पेंशनर्स की पेंशन बढ़े तो अपने आप पुराने की उसी तरह बढ़ जाएगी।
कादियान का कहना है कि जिस तरह से वेतन हर साल तीन फीसद बढ़ता है उसी तरह पेंशन भी हर साल तीन फीसद बढ़नी चाहिये। लेकिन सरकार ने पेंशन पांच साल में बढ़ाने की बात कही है। इस पर भी लोगों को एतराज है।