ट्रांसजेंडर के लिए कल्याण बोर्ड की मांग को लेकर शीर्ष कोर्ट में याचिका, शोषण और भेदभाव पर जताई चिंता
याचिका में कहा गया है कि ट्रांसजेंडर लोगों के साथ भी अन्य लोगों के समान ही सम्मानजनक व्यवहार किया जाना चाहिए क्योंकि इस समुदाय के लोग हमेशा से भेदभाव के शिकार रहे हैं और सामाजिक एवं सांस्कृतिक भागीदारी से उन्हें वंचित रखा गया है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर देश में ट्रांसजेंडर समुदाय की हालत पर चिंता जताई गई और कोर्ट से उनके लिए कल्याण बोर्ड गठित करने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग की गई। इस संबंध में मुंबई के एक संगठन ने याचिका दायर की है।
याचिका में पुलिस द्वारा उनके कथित शोषण संबंधी रिपोर्टों की जांच के लिए समिति बनाने का भी केंद्र तथा अन्य को निर्देश देने की मांग की गई। याचिका में कहा गया है कि ट्रांसजेंडर लोगों के साथ भी अन्य लोगों के समान ही सम्मानजनक व्यवहार किया जाना चाहिए, क्योंकि इस समुदाय के लोग हमेशा से भेदभाव के शिकार रहे हैं और सामाजिक एवं सांस्कृतिक भागीदारी से उन्हें वंचित रखा गया है। याचिका में बताया गया कि 2011 की जनगणना के अनुसार ट्रांसजेंडर लोगों की कुल आबादी करीब 4.87 लाख है और उनकी साक्षरता दर 57.06 फीसद है।
संगठन की ओर से पेश वकील सीआर जया सुकीन ने कहा कि उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य और सार्वजनिक स्थलों तक भी पहुंच सीमित है। वे कानूनी समानता और सुरक्षा की संवैधानिक गारंटी से भी वंचित हैं। याचिका में कहा गया कि 52.61 फीसद से ज्यादा की मासिक आमदनी दस हजार रुपये से भी कम है और 79 फीसद किराये के आवासों में रहने को मजबूर हैं।