फोन टैपिंग मामले में IPS रश्मि शुक्ला पर मुकदमा चलाने के लिए केंद्र सरकार से मांगी अनुमति
मुंबई पुलिस ने मंगलवार को अदालत को बताया कि उसने फोन टैपिंग मामले में आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला पर मुकदमा चलाने की अनुमति केंद्र से मांगी है। जबकि करीब 15 दिन पहले ही राज्य सरकार इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप चुकी है।
राज्य ब्यूरो, मुंबई। मुंबई पुलिस ने मंगलवार को अदालत को बताया कि उसने फोन टैपिंग मामले में आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला पर मुकदमा चलाने की अनुमति केंद्र से मांगी है। जबकि करीब 15 दिन पहले ही राज्य सरकार इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप चुकी है।
आईपीएस रश्मि शुक्ला पर मुंबई पुलिस की साइबर अपराध शाखा ने 2021 में प्राथमिकी दर्ज की थी। पिछली महाविकास आघाड़ी सरकार द्वारा बाद में यह मामला जांच के लिए कुलाबा पुलिस को सौंप दिया गया था। पुलिस इस मामले में 700 पन्नों का आरोपपत्र भी पेश कर चुकी है। लेकिन आईपीएस रश्मि शुक्ला इन दिनों केंद्र सरकार की प्रतिनियुक्ति पर हैदराबाद में सीआरपीएफ की अतिरिक्त महानिदेशक हैं। इसलिए उन पर मुकदमा चलाने के लिए केंद्र सरकार की अनुमति की जरूरत पड़ती है। इसलिए अदालत ने अब तक इस मामले में सुनवाई शुरू नहीं की है। आज मुंबई पुलिस ने अदालत को बताया कि उसने केंद्र सरकार से रश्मि शुक्ला पर मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी है।
बता दें कि रश्मि शुक्ला पर महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी सरकार बनने के पहले एवं कुछ दिन बाद तक अवैध तरीके से कुछ लोगों के फोन टैप करने का आरोप है। इनमें संजय राउत एवं एकनाथ खडसे जैसे नेताओं के फोन भी शामिल थे। मुंबई पुलिस की साइबर अपराध शाखा एवं कुलाबा पुलिस ने जो 700 पन्नों का आरोपपत्र अदालत में पेश किया है, उसमें उसने रश्मि शुक्ला के अधीन काम कर रहे कुछ पुलिस अधिकारियों के बयान भी शामिल किए हैं, जिन्हें रश्मि शुक्ला ने उस समय दबाव डालकर फोन टैप करने के निर्देश दिए थे।
पुलिस ने रश्मि शुक्ला पर दर्ज एफआईआर में आरोप लगाया है कि उन्होंने एक राजनीतिक दल को लाभ पहुंचाने के लिए यह फोन टैपिंग की। लेकिन दूसरी ओर रश्मि शुक्ला का कहना है कि उन्होंने तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) सीताराम कुंटे के आदेश से ये फोन टैप किए। क्योंकि उस समय राज्य में ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर बड़ा घोटाला चल रहा था।
रश्मि शुक्ला ने इस फोन टैपिंग से संबंधित अपनी रिपोर्ट तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सहित महाराष्ट्र पुलिस के डीजीपी एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) को भी सौंपी थी। लेकिन कथित तौर पर यह रिपोर्ट मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने तत्कालीन गृहमंत्री अनिल देशमुख को ही सौंप दी थी। जबकि इस रिपोर्ट में अनिल देशमुख सहित शिवसेना एव राकांपा के कुछ और प्रमुख नेताओं के नाम भी शामिल थे। इसीलिए तत्कालीन उद्धव सरकार ने इस मामले की जांच देशमुख के 100 करोड़ वसूली वाले मामले से अलग करने की मांग की थी। लेकिन उच्च न्यायालय ने उसकी यह मांग ठुकराते हुए सीबीआई को इसकी जांच जारी रखने का आदेश दिया था। अब एकनाथ शिंदे सरकार रश्मि शुक्ला के विरुद्ध मुंबई पुलिस द्वारा दर्ज मामले की जांच भी सीबीआई को ही सौंप चुकी है।