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'अब दिल्ली में जन्म लेना बन गया है सजा'

जहां लिया जन्म अब वहां रहने में डर लगता है, जिन गलियों में घूमकर हुए बड़े अब उन रास्तों से गुजरने में खौफजदा हो जाते हैं लोग। हां यही हाल दिल्ली की आधी आबादी का है। दिल्ली में पैदा होना जैसे एक सजा सा हो गया है। कुछ ऐसा ही दर्द बयां कर रहे हैं सोशल नेटवर्किग साइट्स ट्विटर पर डाले गए ये ट्वीट।

By Edited By: Published: Sat, 20 Apr 2013 08:49 AM (IST)Updated: Sat, 20 Apr 2013 03:21 PM (IST)
'अब दिल्ली में जन्म लेना बन गया है सजा'

नई दिल्ली। जहां लिया जन्म अब वहां रहने में डर लगता है, जिन गलियों में घूमकर हुए बड़े अब उन रास्तों से गुजरने में खौफजदा हो जाते हैं लोग। हां यही हाल दिल्ली की आधी आबादी का है। दिल्ली में पैदा होना जैसे एक सजा सा हो गया है। कुछ ऐसा ही दर्द बयां कर रहे हैं सोशल नेटवर्किग साइट्स ट्विटर पर डाले गए ये ट्वीट।

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15 अप्रैल को गांधीनगर इलाके में पांच साल की बच्ची को हवस का शिकार बनाया गया। कई दिनों तक बच्ची को कमरे में बंद करके रखा गया। आज बच्ची एम्स में जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रही है। 16 दिसंबर को चलती बस में फिजियोथेरापिस्ट लड़की से हुई गैंगरेप की घटना के बाद जिस तरह से लोगों में गुस्से से उबाल आया था, ठीक उसी तरह एक बार फिर लोगों में वहीं आक्रोश दिखाई दे रहा है। गांधीनगर घटना का पता चलते ही सोशल नेटवर्किग साइट फेसबुक और ट्विटर पर युवाओं ने पीड़ित बच्ची के लिए दुआएं और आरोपियों पर कार्रवाई की मांग करते हुए अभियान छेड़ दिया।

राजनीतिक हस्तियां भी घटना को लेकर सोशल नेटवर्किग साइट पर अपनी संवेदना व्यक्त करने में पीछे नहीं रहीं। लोगों ने सोशल नेटवर्किग साइट ट्विटर पर ट्वीट किया है

- दिल्ली में जन्म लेना अब एक सजा जैसा लगने लगा है।

- अब दिलदार दिल्ली बनी दागदार दिल्ली,रहने लायक नहीं रही।

- रेपिस्ट नगरी बनी दिल्ली, बलात्कारियों की वैश्विक राजधानी। बलात्कारियों के लिए कुख्यात शहर दिल्ली।

-दरिंदों का शहर दिल्ली, राजधानी की पुलिस को तहजीब कौन सिखाएगा, क्या दिल्ली के कमिश्नर को हटाया जाना चाहिए, एसीपी को सस्पेंड करने से क्या होगा ये तो लीपापोती है।

- आखिरकार एक और आरोपी वो भी बिहार का ही है। जियो बिहार के लल्ला।

-दिल्ली बच्ची के जन्म के लायक नहीं, लड़की के घुमने फिरने लायक नहीं और महिलाओं को सम्मान दिया जाए इस लायक भी नहीं रही।

- किसी ने तो यहां तक कह डाला कि जैसे औरत प्रभु की सबसे खुबसूरत देने है वैसे ही मर्द उसकी बनाई हुई सबसे घिनौनी वस्तु है।

-रवि शर्मा लिखते हैं कि क्योंकि एक बार फिर दिल्ली में ही ऐसी वारदात हुई है तो हाइलाइट भी दिल्ली ही होगा। हम ये भूल जाते हैं कि दिल्ली के अलावा और भी कई शहर ऐसे हैं जहां रोजाना ऐसी वारदातें होती रहती हैं।

बच्ची की सलामती के लिए लोग अपने अपने भगवान को याद करने लगे हैं। कोई दरगाह में जाकर उसके लिए प्राथनाएं कर रहा हैं, तो कोई अजमेर शरीफ में मत्था टेकने जा रहा है। लोग सड़कों पर उतरकर कैंडल मार्च भी करेंगे। यही नहीं बच्ची के परिवार को हौसला अफजाई करने के लिए हजारों की तादाद में लोग अस्पताल भी पहुंचे हुए हैं।

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