पाकिस्तान में भारतीय गायकों को सुनते हैं लोग: राहत फतेह अली खान
पाकिस्तान व भारत समेत तमाम देशों में सूफी संगीत का परचम लहराने वाले गायक राहत फतेह अली खान ने मंगलवार को कहा कि भारत-पाक की सलामती के लिए दोनों देशों में बातचीत जरूरी है।
लखनऊ, जागरण संवाददाता । पाकिस्तान व भारत समेत तमाम देशों में सूफी संगीत का परचम लहराने वाले गायक राहत फतेह अली खान ने मंगलवार को कहा कि भारत-पाक की सलामती के लिए दोनों देशों में बातचीत जरूरी है। दोनों देशों के लोगों का एक-दूसरे के यहां आना जाना एक अच्छा संदेश है। वह गायिका व संगीतकार अनुपमा राग के साथ एक एलबम की रिकॉडिंग के सिलसिले में लखनऊ आए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पाकिस्तान जाने के सवाल पर राहत ने कहा कि दोनों देशों के प्रधानमंत्री एक-दूसरे के यहां आते-जाते रहें। इससे अच्छी बात और क्या हो सकती है। राहत से जब पूछा गया कि पाक कलाकारों के भारत में प्रदर्शन पर रोक लगाई जा रही है, ऐसे में आपकी क्या प्रतिक्रिया है। जवाब में राहत ने कहा कि कला राजनीति नहीं जानती। यही कारण है कि कला कभी भी राजनीति के बीच में नहीं पिसती। उन्होंने मशहूर पाकिस्तानी गायक गुलाम अली के भारत में प्रदर्शन पर रोक लगाने के सवाल का बड़े सादगी से जवाब दिया। बोले, एक कलाकार की कला किसी देश से ताल्लुक नहीं रखती। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने गुलाम अली को लखनऊ बुलाया और उनका शो कराया। इसके लिए उन्हें मुबारकबाद। मुख्यमंत्री ने एक कलाकार के जख्म पर मरहम लगाया है।
दिल्ली के इंदिरा गांधी एयर पोर्ट पर राहत को कुछ वर्ष पूर्व रोक लिया गया था जब उनके पास करीब सवा लाख डालर नगद मिले थे। इसके बाद से उन्होंने भारत आना बंद कर दिया था। राहत ने भारत से कई वर्षो तक दूर रहने के सवाल पर कहा कि जेहन में खुद को तैयार करता रहा। कानून का उल्लंघन करना गलत है। यहां न आकर गलती की। राहत ने कहा कि भारतीय कलाकार पाकिस्तान नहीं जाना चाहते। पाक में भारत के गायकों को लोग सुनते हैं।