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अगर बाल विवाह में शामिल हुए तो जाना पड़ सकता है जेल

मैसूर में महिला एवं बाल विकास विभाग ने इसको रोकने की पूरी तैयारी कर ली है। यहां बाल विवाह का समर्थन करने पर बाराती औ सराती दोनों को जेल हवा खानी पड़ सकती है।

By anand rajEdited By: Published: Sat, 21 May 2016 10:38 AM (IST)Updated: Sat, 21 May 2016 02:12 PM (IST)
अगर बाल विवाह में शामिल हुए तो जाना पड़ सकता है जेल

मैसूर। देश में वर्षों से चलीी आ रही बाल विवाह जैसी कुप्रथा को रोकने के लिए प्रसाशन ने कमर कस ली है। प्रशासन के उठाए शख्त कदम के बाद अब अगर आप किसी भी बाल विवाह में शामिल हुए तो आपको जेल की हवा खानी पड़ सकती है।

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अंग्रेेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक कर्नाटक के मैसूर में महिला एवं बाल विकास विभाग ने इसको रोकने की पूरी तैयारी कर ली है। यहां बाल विवाह के समर्थन के लिए सिर्फ दूल्हा-दुल्हन के मांप-बाप को ही नहीं बल्कि बाराती औ सराती को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

जी हां, अगर आप किसी भी बाल विवाह में शामिल होते हैं तो आपके खिलाफ बाल विवाह रोकथाम एक्ट के तहत केस दर्ज किया जाएगा। इसके तहत दोषी पाये जाने पर आपको एक लाख जुर्माने के साथ-साथ दो साल तक जेल की जेल भी हो सकती है। महिला एवं बाल विकास विभाग के डिप्टी डारेक्टर के राधा ने बताया कि ये भी संभव है कि आपके खिलाफ पॉस्को एक्ट के तहत मुकदमा किया जाए। इसके तहत सात साल तक की सजा का प्रावधान है।

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उन्होंने बताया कि अगर पाया जाता है कि नाबालिग को यौन-संबंध बनाने के लिए मजबूर किया जाता है और इस दौरान वो गर्भवती हो जाती है तो इस शादी में शामिल होने वाले लोगों के खिलाप पोस्को एक्ट के तहत केस दर्ज किया जा सकता है।

पिछले दो महीने में जिले में 216 बाल विवाह को रोका गया। इस दौरान कानून तोड़ने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की गई। लेकिन अब विभाग ऐसे लोगों पर सख्ती बरतने जा रही है।

बाल विवाह खास कर गरीब परिवारों और ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा होते हैं। उपनिदेशक के. राधा के मुताबिक ' स्वैच्छिक संगठनों की मदद से हम स्कूलों और गांवों का दौरा कर बाल विवाह के परिणाम के बारे में जागरूकता फैलाएंगे। आने वाले दिनों में, सजा कठोर होगी और कानून से कोई बच नहीं पाएगा।'

वे कहती हैं '2012-13 और 2013-12 में क्रमश: 35 और 21 बाल विवाह रोके गए। 2014-15 और 2015-16 में इसकी संख्या बड़ी है और हम जिले में 111 और 105 बाल विवाह रोकने में सफल हुए। अधिकांश बाल विवाह हुन्सुर, केआर नगर और एमडी कोते तालुक्स में पाए गए। दूल्हा-दुल्हन का परिवार ही नहीं पुजारी, विवाह में शामिल मेहमानों और सराय मालिकों को भी सजा मिलेगी।'

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