ईमानदारी पर अध्ययन, खाली के बजाय ज्यादा कैश वाले पर्स लौटाना पसंद करते हैं लोग
यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन द्वारा किए गए अध्ययन में पाया गया है कि खाली पर्स मिला तो 40 फीसद जबकि ज्यादा कैश वाला वॉलेट मिला तो 72 फीसद लोग उसे लौटाना पसंद करते हैं।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। कई बार लोगों को राह चलते किसी अज्ञात व्यक्ति का पर्स या वॉलेट गिरा हुआ मिल जाता है। अमूमन यह मान लिया जाता है कि यदि किसी को गिरा हुआ पर्स या वॉलेट मिलता है और उसमें रकम ज्यादा रहती है तो वह उसे लौटाता नहीं है। लेकिन, एक अध्ययन ने इस धारणा को गलत साबित कर दिया है। यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन द्वारा किए गए अध्ययन के मुताबिक, यदि पर्स या वॉलेट खाली है तो उसे लौटाने वालों की संख्या कम रहती है लेकिन इसमें ज्यादा रकम होने पर इसके वापसी की संभावना काफी बढ़ जाती है।
भारत समेत 40 देशों में हुआ सर्वे
यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन के अध्ययनकर्ताओं ने भारत समेत 40 देशों के 355 शहरों में यह अध्ययन किया। अध्ययन में पाया गया कि यदि लोगों का पर्स गुम हो जाता है, तो 40 फीसद लोग इसे लौटा देते हैं। लेकिन यदि पर्स में कुछ रुपए हों तो इसकी वापसी का आंकड़ा बढ़कर 51 फीसद हो जाता है। यही नहीं यदि पर्स में नकदी ज्यादा हो तो इसको लौटाने वालों का आंकड़ा और बढ़कर 72 फीसद तक हो जाता है।
स्विट्जरलैंड के लोगों ने दिखाई सर्वाधिक ईमानदारी, भारत 30वें स्थान पर
अध्ययन में देशों के हिसाब से लोगों की ईमानदारी का भी आंकड़ा निकाला गया। पाया गया कि सबसे ज्यादा ईमानदार लोग स्विट्जरलैंड के हैं, उसके बाद नार्वे और फिर नीदरलैंड का नंबर है। इस मामले में भारत काफी पीछे है। वह सूची में 30वें स्थान पर है। अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि स्विट्जरलैंड में खाली पर्स लौटाने वालों का आंकड़ा 74 फीसद जबकि भरा पर्स लौटाने वालों का आंकड़ा 80 फीसद रहा। भारत में यह आंकड़ा क्रमश: 23 और 43 फीसद दर्ज किया गया।
ईमानदारी के मामले में भारतीयों से पीछे हैं चीन के लोग
अध्ययनकर्ताओं ने लोगों की ईमानदारी को परखने के लिए करीब 17 हजार वॉलट का इस्तेमाल किया। यह भी पाया गया कि ईमानदारी के मामले में भारतीय चीन के लोगों से आगे हैं। चीन में खाली पर्स लौटाने वालों का आंकड़ा आठ फीसद जबकि भरा पर्स लौटाने वालों की 22 फीसद दर्ज की गई। ज्यूरिख के यूएम स्कूल ऑफ इंफॉर्मेशन के असिस्टेंट प्रोफेसर और अध्ययन के लेखक एलेन कोहन ने इस अध्ययन को लेकर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि आर्थिक विकास के लिए ईमानदारी बेहद आवश्यक है।
खुद को चोर कहलाना पसंद नहीं करते लोग
अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि लोग दूसरे के नुकसान को लेकर बेहद सजग हैं। लोग खुद कितनी भी खराब आर्थिक हालत में क्यों न हों वे चोर कहलाना पसंद नहीं करते। लोग पर्स गंवाने वाले पीडि़त की मदद करना ज्यादा पसंद करते हैं। इस अध्ययन में यह जानने की कोशिश की गई थी कि लोग खोया हुआ वॉलेट पाने के बाद उसका क्या करते हैं। क्या वे वॉलेट को लौटाना पसंद करते हैं या इसे रख लेते हैं। अध्ययनकर्ताओं ने लोगों की ईमानदारी को परखने के लिए तीन तरह के वॉलेट (खाली, कैश वाला, ज्यादा कैश वाला) इस्तेमाल किए थे।
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