नक्सलियों के पास मिली 'मेड इन इंडिया' पेन गन, खुफिया एजेंसियों ने शुरू की जांच
मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों के पास से पेन गन बरामद किए गए हैं। चिंताजनक तथ्य यह है कि इस तरह का हथियार मेड इन इंडिया है।
दंतेवाड़ा (योगेन्द्र ठाकुर)। छत्तीसगढ़ के बैलाडीला की पहाड़ी पर गुरुवार को हुई मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों के पास से 'मेड इन इंडिया' पेन गन भी बरामद की गई है। यह पहला मौका है जब पुलिस ने नक्सलियों के पास से इस तरह का हथियार बरामद किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नक्सली धमकी के बाद नक्सलियों तक पेन गन पहुंचने के खुफिया इनपुट मिलते रहे हैं। इस बरामदगी ने उसकी पुष्टि कर दी है। घने जंगलों में नक्सलियों तक इस तरह के हथियार पहुंचने की जांच खुफिया एजेंसियों ने भी शुरू कर दी है। चिंताजनक तथ्य यह भी है कि इस तरह का हथियार मेड इन इंडिया है।
मुठभेड़ में शामिल जवानों की मानें तो मुठभेड़ के दौरान नक्सल एरिया कमेटी सदस्य जैनी(महिला नक्सली) के हाथ से इंसास गन छूट कर गिर गई। इसके बाद उसने पेन गन से फायर किए। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, 9 इंच लंबे पाइप से तैयार पेन गन में 9एमएम के कारतूस का इस्तेमाल किया गया। यह हथियार स्वदेश निर्मित है, लेकिन इतने तकनीकी ढंग से बनाया गया कि यह देशी कट्टा या पिस्टल से कहीं घातक है। इसकी मारक क्षमता 15 से 20 मीटर है।
जैनी के पास से चार जिंदा व एक खाली कारतूस भी बरामद किया गया है, जबकि एक कारतूस पेन गन में फंसा मिला। जानकारों की मानें तो यह पेन गन बच्चों के खिलौने वाले बंदूक को मोडिफाई कर बनाया गया है। इसे कोई हाथों में खुलेआम लेकर भी घूमे तो छोटी बांसुरी होने का भ्रम होता है। नक्सलियों की स्माल एक्शन टीम में शामिल महिलाएं इसे अपनी सुरक्षा के लिए रखने लगी हैं।
नक्सलियों की हुई शिनाख्त,लाखों का था इनाम
मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों का शव गुरुवार देर रात दंतेवाड़ा लाया गया। प्रारंभिक खबरों में अधिकारियों ने मारे गए नक्सलियों में चार महिलाएं होने की बात कही थी, लेकिन शव लाए जाने पर पता चला कि छह महिला नक्सली व दो पुरुष ढेर हुए थे। इनकी शिनाख्त कराने पर सभी हार्डकोर व इनामी नक्सली निकले। मारे गए नक्सलियों में पांच-पांच लाख के इनामी प्लाटून नंबर 13 का सेक्शन कमांडर चंद्रू, सुगना प्लाटून नंबर 13 की सेक्शन कमांडर जैनी, एक-एक लाख के इनामी भीमे, कुमारी व सनकू शामिल हैं।
सुकमा में मिला था तीर बम
मार्च 2017 में सुकमा जिले के भेज्जी में हुई मुठभेड़ के बाद फोर्स ने पहली बार तीर बम बरामद किया था। अप्रैल 2017 में बुरकापाल हमले के बाद भी यह हथियार बरामद किए थे। नक्सलियों के कैंप से चायनीज ग्रेनेड, जर्मन पिस्टल व अन्य विदेशी हथियार व उपकरण भी बरामद होते रहे हैं।