पतंजलि कंपनी को इंदौर में जमीन आवंटन को चुनौती देने वाली याचिका खारिज
न्यायालय ने याचिकाकर्ता पर 10 हजार रुपये हर्जाना लगाते हुए माना कि आवंटन में अनियमितता नहीं हुई है।
नई दुनिया, इंदौर। मध्य प्रदेश में इंदौर के समीप स्थित औद्योगिक क्षेत्र पीथमपुर में बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि के आने का रास्ता साफ हो गया है। कंपनी को 40 एकड़ जमीन आवंटित करने को चुनौती देने वाली जनहित याचिका उच्च न्यायालय ने सोमवार को खारिज कर दी। न्यायालय ने याचिकाकर्ता पर 10 हजार रुपये हर्जाना लगाते हुए माना कि आवंटन में अनियमितता नहीं हुई है। न्यायालय ने आठ अगस्त को दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। हर्जाने की रकम केरल सहायता कोष में जमा करने के आदेश दिए हैं।
मप्र सरकार ने करीब दो साल पहले 25 लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को पीथमपुर में 40 एकड़ जमीन आवंटित की थी। कंपनी ने शासन के खाते में जमीन के एवज में 10 करोड़ रुपये जमा कर निर्माण कार्य शुरू भी कर दिया है। उम्मीद है कि कंपनी एक साल में उत्पादन शुरू कर देगी।
आवंटन में गलत प्रक्रिया का आरोप
इस बीच जमीन के आवंटन को चुनौती देते हुए जनवरी 2017 में एक जनहित याचिका उच्च न्यायालय में दायर हुई। इसमें आरोप लगाया गया कि आवंटन में गलत प्रक्रिया अपनाई गई है। याचिका में कहा गया कि शासन ने नियमों को ताक पर रखकर पतंजलि को जमीन आवंटित की है। दूसरी कंपनियां ज्यादा रकम देकर जमीन लेने को तैयार थीं, लेकिन उन्हें मौका नहीं दिया गया। शासन की तरफ से सफाई में कहा गया कि आवंटन नियमों के अंतर्गत हुआ है।
सर्वोच्च न्यायालय में देंगे चुनौती
हमारा अब भी कहना है कि जमीन आवंटन में प्रक्रिया का पालन नहीं हुआ है। हमने सर्वोच्च न्यायालय के आधा दर्जन फैसले पेश किए थे, जिनमें प्रक्रिया गड़बड़ होने पर जमीन आवंटन निरस्त किया जा चुका है। इसके बावजूद न्यायालय ने हमारी याचिका खारिज कर दी। उच्च न्यायालय के फैसले को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती देंगे।
-आनंद मोहन माथुर, सीनियर एडवोकेट (याचिकाकर्ता के वकील)