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सेना को 28 साल बाद तोपें खरीदने की मंजूरी

बोफोर्स तोप सौदे में दलाली के 'भूत' से बाहर निकलते हुए रक्षा मंत्रालय ने ढाई दशक बाद 15 हजार 750 करोड़ रुपये की लागत से तोपें खरीदने का निर्णय लिया है। रक्षा मंत्री बनने के बाद मनोहर पार्रिकर की अध्यक्षता में शनिवार को रक्षा खरीद परिषद की पहली बैठक हुई।

By Kamal VermaEdited By: Published: Sat, 22 Nov 2014 08:22 PM (IST)Updated: Sat, 22 Nov 2014 08:34 PM (IST)
सेना को 28 साल बाद तोपें खरीदने की मंजूरी

नई दिल्ली। बोफोर्स तोप सौदे में दलाली के 'भूत' से बाहर निकलते हुए रक्षा मंत्रालय ने ढाई दशक बाद 15 हजार 750 करोड़ रुपये की लागत से तोपें खरीदने का निर्णय लिया है। रक्षा मंत्री बनने के बाद मनोहर पार्रिकर की अध्यक्षता में शनिवार को रक्षा खरीद परिषद की पहली बैठक हुई। इस बैठक में सेना की तोपों की कमी को देखते हुए 814 तोपें खरीदने का निर्णय लिया गया।

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भारतीय सेना ने 1986 के बाद से अब तक एक भी तोप नहीं खरीदी है। विभिन्न केंद्र सरकारें तोप सौदे में दलाली से बचने के लिए इस बारे में फैसलों को बार-बार टालती रही हैं। लगभग दो घंटे चली बैठक में तोपों की कमी को पूरा करने के लिए 155 एमएम 52 कैलिबर की 814 तोपें खरीदने का निर्णय लिया गया।

अन्य अहम फैसले

बैठक में 7 हजार करोड़ रुपये की लागत से वायुसेना के लिए एकीकृत वायु कमान नियंत्रण प्रणाली व एयर सेंसर खरीदने को भी मंजूरी दी गई। रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि भारतीय वायुसेना के एवरो परिवहन विमानों को बदलने के लिए टाटा संस एवं एयर बस की संयुक्त निविदा व 106 स्वीस पिलेटस प्रशिक्षु विमानों की खरीद के प्रस्तावों को अगली बैठक तक के लिए टाल दिया गया है। अधिकारी ने बताया कि बैठक में इन प्रस्तावों के बारे में और जानकारी मांगी गई है। ये प्रस्ताव लंबे समय से अटके पड़े हैं। सरकार इन्हें लेकर सावधानी बरत रही है।

घरेलू उत्पादन बढ़ाने पर जोर

तोप सौदे घरेलू उत्पादन बढ़ाने की योजना के तहत होंगे। इसके तहत पहले 100 तोपें खरीदी जाएंगी और इसके बाद तकनीक हासिल कर इनका देश में ही निर्माण किया जाएगा। मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी 'मेक इन इंडिया' योजना को आगे बढ़ाने की प्रक्रिया पर भी बैठक में चर्चा हुई।

निवेश के अनुकूल हो माहौल

पार्रिकर ने कहा कि अधिक से अधिक रक्षा उत्पाद देश में ही बनें इसके उपाय और तरीके खोजने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि माहौल को निवेश अनुकूल बनाया जाए। इससे अधिक निवेशकों को आकर्षित किया जा सकेगा। रक्षा मंत्री ने कहा कि वह तेजी व पारदर्शी तरीके से निर्णय लेने की प्रक्रिया को जारी रखेंगे।

पहले से ज्यादा होंगी बैठकें

बैठक में तय किया गया कि अब रक्षा खरीद परिषद की बैठक महीने में एक से ज्यादा बार भी हो सकती है। साथ ही इस बात पर भी सहमति बनी कि छोटे और कम मुद्दों पर चर्चा के लिए भी यह बैठक बुलाई जा सकती है। पहले ज्यादा मामले होने पर ही परिषद की बैठक बुलाई जाती थी।

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