Railway Connectivity to Ports: बंदरगाहों के साथ रेलवे कनेक्टीविटी पर चर्चा के लिए संसदीय पैनल की बैठक आज
पत्तन पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने कहा था कि सभी प्रमुख बंदरगाहों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वर्ष 2025 तक बंदरगाह से आने और जाने वाले माल से लदे किसी भी जहाज रेल ट्रक को इंतजार न करना पड़े।
नई दिल्ली, एएनआइ। परिवहन, पर्यटन व संस्कृति की संसदीय कमिटी की रेलवे बोर्ड, विमानन मंत्रालय व पोर्ट मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बुधवार को संसद परिसर में बैठक जारी है। इसमें रेलवे बोर्ड के चेयरमैन और रेलवे सुरक्षा के चीफ कमिश्नर महत्वपूर्ण बिंदुओं को पेश करेंगे। इसके साथ ही नागरिक विमानन मंत्रालय के अधिकारियों और पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय से भी अधिकारी इस बैठक में मौजूद हैं। इनकी ओर से भी बंदरगाहों और रेल कनेक्टीविटी को लेकर पैनल के समक्ष विचार रखे जाएंगे।
संसदीय स्थायी समिति (Parliamentary Standing Committee) की अध्यक्षता इसके चेयरमैन और संसद के भाजपा सदस्य टीजी वेंकटेश कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने एक ज्ञापन जारी कर कहा था कि वर्ष 2047 तक बंदरगाहों की आवश्यक क्षमता, वर्तमान क्षमता के मुकाबले लगभग छह गुना बढ़ जाएगी। मंत्रालय के अनुसार, प्रमुख बंदरगाहों को विस्तार से तैयारी करनी चाहिए। यदि जल या भूमि पर उपलब्धता को लेकर बाधाएं हैं, तो प्रमुख बंदरगाह 'उपग्रह बंदरगाहों' की स्थापना की संभावना तलाशेंगे। एक वरिष्ठ रेल अधिकारी ने कहा, 'रेलवे लाइनों के साथ इन बंदरगाहों को कनेक्ट करने के लिए सर्वे जारी है।'
ज्ञापन में यह भी कहा गया कि प्रमुख बंदरगाह प्राधिकरण पूरे बंदरगाह के लिए एक व्यापक मास्टर प्लान 2047 तैयार करेंगे। इसमें माल अनुमान, भंडारण के लिए भी तैयारी की जाएगी। मंत्रालय ने कहा,' साथ ही सभी प्रमुख बंदरगाहों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वर्ष 2025 तक बंदरगाह से आने और जाने वाले, माल से लदे किसी भी जहाज, रेल, ट्रक को इंतजार न करना पड़े।