घरेलू उड़ानों में मांसाहारी भोजन बंद करने पर संसदीय समिति ने उठाए सवाल
एयर इंडिया लगातार घाटे में चल रही है। 28 जून को आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी ने एयर इंडिया व इसकी पांच सहायक कंपनियों को बेचने का फैसला लिया था।
नई दिल्ली, प्रेट्र। तृणमूल कांग्रेस के सांसद मुकुल रॉय की अगुआई में बनाई गई कमेटी ने एयर इंडिया के उस फैसले पर सवाल उठाया है जिसके तहत इकोनॉमी क्लास के यात्रियों को मांसाहारी भोजन अब न देने का फैसला लिया गया है। समिति ने एयर इंडिया से इस मसले पर जवाब मांगा है।
एयर इंडिया लगातार घाटे में चल रही है। 28 जून को आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी ने एयर इंडिया व इसकी पांच सहायक कंपनियों को बेचने का फैसला लिया था। वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमेटी इस मामले को देख रही है। मुकुल रॉय के नेतृत्व में बनी 31 सदस्यों की संसदीय समिति भी इस मामले को देख रही है। समिति ने बुधवार को इस मसले पर बैठक बुलाई थी, लेकिन संबंधित विभाग के दो अधिकारी उसमें नहीं पहुंच सके। उसी दौरान भोजन का मामला उठा।
उल्लेखनीय है कि एयर इंडिया 52 हजार करोड़ रुपये के घाटे में चल रही है। मनमोहन सिंह की सरकार ने इसे घाटे से उबारने के लिए पैकेज के तहत तीस हजार करोड़ रुपये देने के फैसला लिया था। यह रकम दस साल के लिए दी गई थी। 2012 में हुए इस फैसले के अनुसार 2022 तक एयर इंडिया को घाटे से बाहर लाया जाना था, लेकिन नरेंद्र मोदी की सरकार मान रही है कि इसे घाटे से बाहर निकालना अब नामुमकिन हो चुका है, लिहाजा फैसला लिया गया कि इसे बेच दिया जाए।
नो फ्लाई लिस्ट पर केंद्र कर रहा विचार
केंद्र सरकार नो फ्लाई लिस्ट को लागू करने से पहले इस बात पर विचार कर रही है कि इसे कहां-कहां प्रभावी माना जाए। एक अधिकारी का कहना है कि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इसके तहत प्रतिबंध हवाई यात्रा पर लगेगा या फिर संबंधित व्यक्ति के हवाई अड्डा परिसर में प्रवेश पर भी पाबंदी होगी।
आरसीएस नियमों में छूट मिलने के आसार
पहाड़ी इलाकों के साथ आइलैंड तक संपर्क और पुख्ता करने के लिए केंद्र सरकार आरसीएस (रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम) में राहत देने पर विचार कर रहा है। योजना के तहत छोटे विमानों के जरिये आम लोगों को सस्ती हवाई सेवा उपलब्ध कराई जाती है। पहले दौर की नीलामी में पांच एयरलाइंस को 128 रूट दिए गए हैं।
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