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एनआइए ने 2018 से अब तक टेरर फंडिंग के 64 मामलों का खुलासा किया, केंद्र ने संसद में दी जानकारी

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार को लोकसभा को बताया कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने 2018 से अब तक टेरर फंडिंग के 64 मामलों का खुलासा किया है। पिछले 3 साल में आतंकवाद के वित्त पोषण के 64 मामले राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंपे गए हैं।

By TaniskEdited By: Published: Tue, 07 Dec 2021 07:18 PM (IST)Updated: Tue, 07 Dec 2021 07:18 PM (IST)
एनआइए ने 2018 से अब तक टेरर फंडिंग के 64 मामलों का खुलासा किया, केंद्र ने संसद में दी जानकारी
एनआइए ने 2018 से अब तक टेरर फंडिंग के 64 मामलों का खुलासा किया।

नई दिल्ली , एएनआइ। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार को लोकसभा को बताया कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने 2018 से अब तक टेरर फंडिंग के 64 मामलों का खुलासा किया है। लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस की सांसद सजदा अहमद के सवाल पर गृह राज्य मंत्री ने लोकसभा को बताया कि केंद्र सरकार ने पिछले 3 साल में आतंकवाद के वित्त पोषण के 64 मामले राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंपे हैं। प्रिवेंशन आफ मनी लान्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत जुर्माने की घरेलू और अंतरराष्ट्रीय संपत्ति की कुर्की के विवरण और जांच एजेंसियों द्वारा दायर आरोप पत्र पर गृह राज्य मंत्री ने निचले सदन को बताया कि पीएमएलए के प्रावधानों के तहत मनी लान्ड्रिंग मामलों की जांच और अभियोजन के लिए नोडल प्राधिकरण प्रवर्तन निदेशालय है।

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प्रवर्तन निदेशालय ने लगभग 250 चल और अचल संपत्तियों को कुर्क किया है, जिनकी बुक वैल्यू लगभग 881 करोड़ रुपये है। इसमें भारत में लगभग 677.73 करोड़ रुपये की संपत्ति और विदेश में लगभग 203.27 करोड़ रुपये की संपत्ति शामिल हैं। नित्यानंद राय ने लोकसभा को आगे बताया कि पीएमएलए के तहत कुल 24 आरोप-पत्र दायर की गई हैं। भारत सरकार ने एक अलग सेल काउंटरिंग ऑफ फाइनेंसिंग ऑफ टेररिज्म (CFT) का गठन किया है। टेरर फंडिंग और नकली मुद्रा के मामलों की एक केंद्रित जांच करने के लिए एनआइए में एक टेरर फंडिंग और नकली मुद्रा (TFFC) सेल का गठन किया गया है।

नित्यानंद राय ने आगे बताया कि गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 को मजबूत किया गया है और इसका दायरा बढ़ाया गया है। उच्च गुणवत्ता वाली नकली भारतीय मुद्रा के उत्पादन या तस्करी या प्रचलन को आतंकवादी कृत्य के तौर पर अपराध घोषित कर दिया गया है। इसमें आतंकवाद के लिए उपयोग की जाने वाली कोई संपत्ति भी शामिल है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत पहले से ही 25 जून, 2010 से फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) का सदस्य है।


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