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लद्दाख को चीन का हिस्सा दिखाने पर ट्विटर ने मांगी माफी, मूल कंपनी से मांगा लिखित स्पष्टीकरण

ट्विटर इंडिया के प्रतिनिधियों ने लद्दाख मामले में माफी मांगी जिस पर समिति के सदस्यों ने कहा कि यह आपराधिक कृत्य है। इस मामले में मार्केटिंग इकाई की तरह काम करने वाली ट्विटर इंडिया की माफी पर्याप्त नहीं है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Wed, 28 Oct 2020 08:22 PM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2020 12:31 PM (IST)
लद्दाख को चीन का हिस्सा दिखाने पर ट्विटर ने मांगी माफी, मूल कंपनी से मांगा लिखित स्पष्टीकरण
समिति ने मूल अमेरिकी कंपनी से लिखित स्पष्टीकरण मांगा।

नई दिल्ली, प्रेट्र। संसदीय समिति ने लद्दाख को चीन का हिस्सा दिखाने पर माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर को फटकार लगाई है। समिति का कहना है कि यह कृत्य राजद्रोह जैसा है। इस पर मूल अमेरिकी कंपनी को लिखित स्पष्टीकरण देना होगा।

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ट्विटर इंडिया के प्रतिनिधियों ने संसदीय समिति के समक्ष मांगी माफी

डाटा प्रोटेक्शन बिल को लेकर ट्विटर इंडिया के प्रतिनिधि बुधवार को संसदीय समिति के समक्ष पेश हुए। भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी की अध्यक्षता में गठित यह संसदीय समिति डाटा प्रोटेक्शन बिल, 2019 पर विमर्श कर रही है।

समिति ने मूल अमेरिकी कंपनी से लिखित स्पष्टीकरण मांगा 

सूत्रों ने बताया कि ट्विटर इंडिया के प्रतिनिधियों ने लद्दाख मामले में माफी मांगी, जिस पर समिति के सदस्यों ने कहा कि यह आपराधिक कृत्य है। इस मामले में मार्केटिंग इकाई की तरह काम करने वाली ट्विटर इंडिया की माफी पर्याप्त नहीं है। इस संदर्भ में अमेरिका की मूल कंपनी ट्विटर इंक को हलफनामा देना होगा। ट्विटर इंडिया के प्रतिनिधियों से दो घंटे से ज्यादा पूछताछ हुई।

मीनाक्षी लेखी ने कहा- ट्विटर इंडिया भारतीयों की भावनाओं का सम्मान करती है

मीनाक्षी लेखी ने कहा, 'ट्विटर इंडिया के प्रतिनिधियों ने कहा कि कंपनी भारतीयों की भावनाओं का सम्मान करती है, लेकिन यह मामला केवल भारत एवं भारतीयों की भावनाओं का नहीं है। यह देश की अखंडता एवं संप्रभुता का सवाल है और इसका सम्मान नहीं करना आपराधिक कृत्य है। भारत के नक्शे को गलत तरीके से दिखाना राजद्रोह का अपराध है और इसके लिए सात साल की जेल हो सकती है।'

लेखी ने कहा- कंपनी की नीति स्पष्ट नहीं 

लेखी ने कहा कि ट्विटर से उसकी प्रतिबंध नीति पर भी सवाल पूछा गया। इस संबंध में कंपनी की नीति स्पष्ट नहीं है। कई मामलों में इसकी नीति अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार का अतिक्रमण करती है। समिति के कुछ सदस्यों ने पारदर्शिता को लेकर ट्विटर की नीति पर भी सवाल उठाया।

ट्विटर इंडिया की ओर से सीनियर मैनेजर, पब्लिक पॉलिसी शगुफ्ता कामरान, लीगल काउंसल आयुषी कपूर, पॉलिसी कम्युनिकेशंस संभालने वाली पल्लवी वालिया और कॉर्पोरेट सिक्योरिटी से जुड़े मनविंदर बाली समिति के समक्ष उपस्थित हुए।

देश की संप्रभुता एवं अखंडता का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा

लेह के हॉल ऑफ फेम से एक सीधे प्रसारण के दौरान ट्विटर के जियोटैगिंग फीचर में लिखा था, 'जम्मू-कश्मीर, चीन गणराज्य'। 'हॉल ऑफ फेम' लद्दाख में शहीदों के लिए बना युद्ध स्मारक है। उस समय ट्विटर ने तकनीकी खामी बताते हुए गलती को तत्काल सुधार लिया था। हालांकि सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर इसे लेकर ट्विटर की खूब आलोचना हुई। 22 अक्टूबर को सरकार ने ट्विटर को चेतावनी देते हुए कहा था कि देश की संप्रभुता एवं अखंडता का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।


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