पेरिस करार से भारत में पैदा होंगे लाखों करोड़ के निवेश के मौके
आइएफसी की रिपोर्ट में अक्षय ऊर्जा, पर्यावरण अनुकूल भवन निर्माण, परिवहन, इलेक्टि्रक वाहन और प्रकृति के अनुरूप खेती जैसे क्षेत्रों में निवेश की व्यापक संभावनाएं उत्पन्न होने की बात कही गई है।
मुंबई, प्रेट्र : भारत ने पेरिस करार के तहत निर्धारित लक्ष्यों को हासिल करने को लेकर प्रतिबद्धता जताई है। विश्व बैंक से जुड़ी संस्था अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम (आइएफसी) ने वर्ष 2030 तक जलवायु क्षेत्र में 3.1 ट्रिलियन डॉलर (तकरीबन 193 लाख करोड़ रुपया) मूल्य के निवेश का अवसर पैदा होने की संभावना जताई है।
आइएफसी की रिपोर्ट में अक्षय ऊर्जा, पर्यावरण अनुकूल भवन निर्माण, परिवहन, इलेक्टि्रक वाहन और प्रकृति के अनुरूप खेती जैसे क्षेत्रों में निवेश की व्यापक संभावनाएं उत्पन्न होने की बात कही गई है। आइएफसी ने क्षेत्रीय अध्ययन के तहत भारत, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, नेपाल और श्रीलंका पर्यावरण के क्षेत्र में पैदा होने वाले निवेश के मौकों पर रिपोर्ट तैयार की है। ये सभी देश कुल मिलाकर 7.38 फीसद कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन करते हैं। आइएफसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी फिलिप होयेरू ने बताया कि निजी क्षेत्रों को शामिल कर ये देश निवेश के मौकों का लाभ उठा सकते हैं। साथ ही आइएफसी को भी महत्वपूर्ण क्षेत्रों में बाजार विकसित करने के लिए व्यापक दृष्टिकोण अपनाना पड़ेगा। इसका मतलब यह हुआ कि नए बाजार के लिए जरूरी नीतियों का स्वरूप तैयार करने, प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने और क्षमता में वृद्धि करने के अलावा कौशल का विकास करना होगा।
सवा अरब से ज्यादा की आबादी वाला भारत क्रय शक्ति के लिहाज से दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। इसके अलावा लगातार बढ़ रहे कार्यशील युवाओं की तादाद निजी क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण बाजार है। आइएफसी दक्षिण एशिया क्षेत्र में निजी क्षेत्रों की मजबूत दावेदारी का समर्थन करता रहा है।
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